logo

ट्रेंडिंग:

1 अक्टूबर से NPS में बड़ा बदलाव, आप पर असर क्या होगा?

नेशनल पेंशन सिस्टम में 1 अक्टूबर 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बदलाव में तहत इन्वेस्टर्स विड्रॉल और एग्जिट, 100% इक्विटी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन और मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क का फायदा उठा सकते हैं।

Representational Picture

प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo Credit: AI

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), जो 2009 में गैर-सरकारी क्षेत्र के लिए शुरू हुआ था, अब रिटायरमेंट के लिए सबसे भरोसेमंद इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में से एक बन चुका है। सरकार समय-समय पर इस योजना में बदलाव करती रही है, जिससे इसे मार्केट-लिंक्ड, फ्लेक्सिबल और टैक्स-फ्रेंडली बनाया जा सके। अब NPS में कुछ और महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जो 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होंगे। इन बदलावों में सबसे बड़ा है गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स के लिए 100% इक्विटी निवेश की अनुमति। इसके साथ ही मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) लागू होगा, जिससे इन्वेस्टर्स अब एक से ज्यादा Central Record Keeping Agencies (CRAs) से अलग-अलग स्कीम चला सकते हैं और सभी को एक ही PRAN से जोड़ सकते हैं।

 

इसके अलावा, निकासी (विड्रॉल) और एग्जिट नियमों में भी प्रस्तावित सुविधा इन्वेस्टर्स को राहत देगा। नए नियमों के अनुसार, अब इन्वेस्टर्स 15 साल पूरे होने के बाद NPS से बाहर निकल सकते हैं और आंशिक निकासी और लम्प-सम निकालने की सुविधा भी आसान होगी। इन बदलावों से NPS को बाजार की जरूरतों के अनुसार और ज्यादा सुविधाजनक और आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे इन्वेस्टर्स को लंबे समय में बेहतर रिटर्न और सुविधा मिलेगी।

 

यह भी पढ़ें: AI से Ghibli-स्टाइल इमेज बनाना कितना सुरक्षित, एक्स्पर्ट्स से जानिए

1 अक्टूबर, 2025 से लागू होने वाले बदलाव

100% इक्विटी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन

 

पहले NPS में इक्विटी इन्वेस्ट की एक लिमिट थी लेकिन अब गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स पूरे फंड को इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जो लोग लंबे  समय में ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, वे अपना पूरा पैसा स्टॉक मार्केट में लगा सकते हैं। हालांकि, इसे जोखिम के साथ देखा जाना चाहिए क्योंकि इक्विटी मार्केट बहुत अस्थिर है।

 

मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) क्या है?

 

पहले निवेशक केवल एक PRAN (Permanent Retirement Account Number) के तहत एक ही योजना चला सकते थे। नए नियमों के तहत MSF लागू हो रहा है। इसका मतलब है कि अब आप एक से ज्यादा Central Record Keeping Agencies (CRAs) से अलग-अलग स्कीम चला सकते हैं और सभी को एक ही PRAN से जोड़ सकते हैं। इससे इन्वेस्टर्स को ज्यादा ऑप्शन और सुविधा प्राप्त होगी।

 

यह भी पढ़ें: कहीं AI न चुरा ले आपके वेबसाइट का कॉन्टेंट, इन तरीकों से करें बचाव

प्रस्तावित बदलाव: निकासी (विड्रॉल) और एग्जिट नियम

  • 15 साल बाद NPS से एग्जिट
  • पहले NPS से एग्जिट का विकल्प ज्यादातर सुपरएन्यूएशन (60 वर्ष) या उससे भी लंबे समय के बाद मिलता था। अब प्रस्ताव के अनुसार, इन्वेस्टर्स 15 साल पूरे होने के बाद NPS से बाहर निकल सकते हैं। यह उन लोगों के लिए राहत होगी जिन्हें बीच में पैसे की जरूरत पड़ सकती है।
  • लम्प-सम और आंशिक निकासी
  • लम्प-सम निकासी की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव है।
  • आंशिक निकासी आसान होगी।
  • शिक्षा, मेडिकल या घर बनाने जैसी जरूरतों के लिए आंशिक निकासी की अनुमति दी जा सकती है।

पिछले एक साल में NPS में हुए बड़े बदलाव

पिछले एक साल में इस योजना में कई बदलाव हुए हैं। जैसा कि UPS केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लाया गया। यह पुराने पेंशन स्कीम (OPS) की मांग को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया। हालांकि, UPS ने कर्मचारियों को NPS से स्विच करने के लिए आकर्षित नहीं किया। इसलिए सरकार ने कुछ छूट दी है। उदाहरण के लिए, UPS में नामांकित कर्मचारियों को एक बार NPS में लौटने का मौका मिलेगा।

Related Topic:#Utility News

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap