घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लोग अपनी मेहनत की पूरी कमाई एक घर खरीदने में लगा देते है। हालांकि, घर खरीदने से पहले लोग प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन करते ही है जैसे प्रॉपर्टी के कागजात, प्रॉपर्टी ऑनर की जानकारी और वगैरह-वगैरह...। ऐसे में कई लोग प्रॉपर्टी वालों से सबसे अहम चीज पूछना भूल जाते हैं, जो कि बेहद जरूरी होती है। मकान खरीदने से पहले क्या है वो चीज जो प्रॉपर्टी ऑनर से पूछना बेहद जरूरी होता है।
APF नंबर
जब भी आप घर खरीदने या कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बनाए तो याद से एपीएफ नंबर जरूर पूछे। एपीएफ का मतलब है अप्रूवड प्रॉजेक्ट फाइनेंशल नंबर। यह नंबर हर वैलिड प्रॉपर्टी ऑनर को मिलता है। पहली बार घर खरीदने वालों के लिए यह शब्द भले ही थोड़ा हैरान कर देने वाला होगा, लेकिन बिना इसकी जानकारी लिए घर खरीदने की भूल कभी मत करें।
क्या होता है एपीएफ नंबर?
एपीएफ नंबर, जिसका मतलब है स्वीकृत परियोजना वित्तीय संख्या (Approved project financial number)। यह एक पहचान कोड है जो रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को दिया जाता है।
आसान भाषा में समझें तो जब कोई रियल एस्टेट डेवलपर किसी प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग चाहता है, तो वे इसे विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के पास स्वीकृति के लिए जमा करते हैं। स्वीकृति मिलने पर, ये संस्थान प्रोजेक्ट को एक एपीएफ नंबर देते हैं। अगर आपको एपीएफ नंबर पता होगा तो इससे आपके साथ कोई ठगी करने से बचेगा। आज के समय में सबसे ज्यादा स्कैम मकान खरीदने के समय होते है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप जब भी घर खरीदे तो अपने डेवलपर या प्रॉपर्टी वालों से एपीएफ नंबर जरूर पूछे।
बिल्डरर्स को एपीएफ नंबर क्यों मिलता है?
होम लोन के लिए आवेदन करते समय आपका क्रेडिट स्कोर तो अच्छा होना ही चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चत कर लें कि प्रोजेक्ट को बैंक से अप्रूवल मिला हुआ है या नहीं।
होम लेने वक्त एपीएफ नंबर की बेहद जरूरी होता है। यह नंबर प्रोजेक्ट तैयार करने वाले हर बिल्डक के पास होता है। यह बिल्डर का एक वैध एपीएफ नंबर या कोड होता है।
एपीएफ नंबर बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां मुहैया कराती हैं।
एपीएफ नंबर/कोड का मतलब है कि प्रोजेक्ट को सभी जरूरी मंजूरी मिली हुई है और घर खरीददार डिवेलपर की विश्वसनीयता के बारे में बिना किसी डर के प्रोजेक्ट में निवेश कर सकते हैं। कई बिल्डरों का बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशंस (एचएफसी) के साथ टाइअप होता है। एपीएफ नंबर लोन लेने वालों का समय बचाता हैं और उन्हें बिल्डर से कानूनी दस्तावेज लेने के झंझटों से छुटकारा दिलाता है।
एपीएफ नंबर या कोड मांगना बेहद जरूरी
- बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के पास प्रॉपर्टी या प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है या नहीं, इसके लिए एपीएफ जरूरी होता है।
- बिल्डर के पास प्रोजेक्ट के लिए सभी जरूरी लाइसेंस या मंजूरी हैं, इसे साबित करने के लिए उसे सरकारी मंजूरियां, एनओसी, टाइटल डीड, सेल डीड, स्वीकृत प्लान और फ्रीहोल्ड/ लीज होल्ड जैसे दस्तावेज जमा कराने होंगे।
- एपीएफ नंबर यह भी साबित करता है कि फ्लैट को ब्लिडर सही समय पर डिलीवर करेगा।
- एपीएफ नंबर से बिल्डर नामी और विश्वसनीय साबित होता है।