क्या है बाटा कंपनी के सफलता की कहानी?
किस्सा
• Sep 02 2025
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1880 के दशक में, यूरोप की औद्योगिक क्रांति के बीच, चेकोस्लोवाकिया के ज़्लिन में बाटा परिवार के मोची व्यवसाय को मशीन से बने जूतों से चुनौतियों का सामना करना पड़ा। टॉमस बाटा ने अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर 1894 में टी एंड ए बाटा शू कंपनी की स्थापना की। चमड़े की बढ़ती कीमतों के बीच, टॉमस ने किफायती कैनवास जूते पेश किए—हल्के, स्टाइलिश और टिकाऊ। बाद में, चमड़े और कपड़े के मिश्रण वाले अनूठे 'बाटोवकी' जूते पूरे यूरोप में सनसनी बन गए। 1931 में, टॉमस भारत आए और कोलकाता के पास कोन्नगर में पहला कारखाना स्थापित किया। 1934 में, बाटानगर टाउनशिप की स्थापना हुई। द्वितीय विश्व युद्ध और महामंदी के बावजूद, बाटा भारत में किफायती, टिकाऊ जूतों के साथ फलता-फूलता रहा किफायती मूल्य, स्थानीयकरण और मजबूत विपणन ने बाटा को मध्यम वर्ग के लिए एक लक्जरी ब्रांड बना दिया, जिससे बचपन की यादें ताजा हो गईं।

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