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 Hindi पढ़ाने का फैसला क्यों लिया वापस?

तस्वीर: इंडियन एक्सप्रेस/योगेश पाटिल

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महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में हिंदी अनिवार्य होगी या नहीं? इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार बैकफुट पर आ गई है। शुरुआत में स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर शामिल किया गया था। लेकिन जब उद्धव ठाकरे और उनके गुट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे मराठी अस्मिता का मुद्दा बना दिया तो फडणवीस सरकार को मजबूरन फैसला वापस लेना पड़ा। हिंदी के मुद्दे पर पीछे हटने वाले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अधिसूचना वापस ले ली और कहा कि सरकार ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक समिति बनाई है। महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर शामिल किया जाए या नहीं, इस पर फैसला समिति की रिपोर्ट के आधार पर होगा। अब उद्धव ठाकरे का गुट इसे अपनी जीत बता रहा है और कह रहा है कि सरकार ने मराठी अस्मिता पर हमला करने की कोशिश की लेकिन वे इसे बचाने में कामयाब रहे। क्या है पूरी कहानी? आइए इस वीडियो में जानें।

 

 

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