logo

ट्रेंडिंग:

कैसे बने मनोज कुमार, 'भारत कुमार'?

तस्वीर: इंडियन एक्सप्रेस/योगेश पाटिल

शेयर करें

1970 में आई फिल्म पूरब और पश्चिम के गाने 'जब जीरो दिया मेरे भारत ने' ने लोगों के मन में भारत की एक नई पहचान बनाई। सितारों की भाषा से लेकर दशमलव प्रणाली के आविष्कार तक- हर चीज को दर्शकों के सामने गर्व के साथ पेश किया गया। आज भी जब हम पीछे मुड़कर भारत के बारे में सोचते हैं, तो एक चीज आज भी सामने आती है- शून्य। महेंद्र कपूर का गाया, इंदीवर का लिखा और पर्दे पर जीवंत किया मनोज कुमार ने- वो शख्स जो आगे चलकर भारत कुमार के नाम से मशहूर हुए। ज्यादातर लोगों के लिए मनोज कुमार हमेशा देशभक्ति वाली भूमिकाओं से जुड़े रहे हैं। लेकिन उनका करियर इससे कहीं बढ़कर था। वो सिर्फ उपकार या पूरब और पश्चिम तक ही सीमित नहीं थे। उनके काम में भारतीय समाज की सच्ची तस्वीर झलकती थी "महंगाई मार गई" (महंगाई ने हमें मार डाला) और "दो टके की नौकरी में लाखों का सावन जाए" (एक सस्ती नौकरी के लिए जीवन भर का आनंद लेना पड़ता है) जैसे गीतों ने इस वाक्यांश को जीवंत कर दिया: सिनेमा समाज का दर्पण है। अधिक जानकारी के लिए पूरी वीडियो जरूर देखें।

Ad Banner

ट्रेंडिंग वीडियो


और देखें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap