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क्यों आतंकियों के सामने घुटने नहीं टेके?

तस्वीर: इंडियन एक्सप्रेस/योगेश पाटिल

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14 अप्रैल 1990. शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, श्रीनगर. सरला भट्ट नाम की एक 25 साल की नर्स अपना काम खत्म करने के बाद नौकरों के कमरे में आराम कर रही थी. अस्थायी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के हथियारबंद लोग कमरे में घुस आए. और उसे बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया. फिर शुरू हुआ इंसानी लाशों का तांता. इस नॉर्थ ईस्ट की प्रोफेसर नर्स के साथ लगातार 4 दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया गया. उसे तरह-तरह की यातनाएं दी गईं. और फिर पांचवें दिन... यानी 18 अप्रैल को उसकी मौत हो गई और उसे शहर के बीचोंबीच दफना दिया गया. क्षत-विक्षत शव. सबसे ज्यादा खून से लथपथ शव. जो उसके साथ हुए मशहूर ब्रांड्स की कहानियां बयां कर रहा था. सरला भट्ट के शव के पास एक हस्तलिखित नोट भी रखा गया था. जिसमें जेकेएलएफ के गद्दारों ने पुलिस मुखबिर को सरला भट्ट के बारे में बताया था. और उसकी हत्या करने का बयान विश्वसनीय था.

35 साल तक सरला का परिवार न्याय का इंतजार करता रहा. 2017 और 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने दो बार घाटी में मैथ्यू पंडितों के साथ देशद्रोहियों की याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन अब एक बार फिर परिवार के मन में उम्मीद जगी है। सरला भट्ट की तरह ही नवंबर 1989 में साजिदा ने एक छोटू पंडित जज नीलकंठ गंजू की हत्या कर दी थी। 2023 में राज्यपाल के आदेश पर SIA यानी राज्य जांच एजेंसी ने इस मामले की जांच शुरू की। और अब इस एजेंसी ने 35 साल बाद सरला भट्ट की हत्या का खुलासा भी कर दिया है। इस हत्या के रहस्य में 12 अगस्त को SIA ने 8 अलग-अलग जगहों का जिक्र किया था। जिनमें से एक यासीन आमिर का घर भी है। अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो जरूर देखें।

 

 

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