logo

ट्रेंडिंग:

2020 के दंगा पीड़ितों की कहानी

तस्वीर: इंडियन एक्सप्रेस/योगेश पाटिल

शेयर करें

साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों की गूंज आज भी उन इलाकों में महसूस की जा सकती है, जहां घर, दुकानें और गाड़ियां जला दी गई थीं। निर्दोष लोगों को बेरहमी से मार दिया गया था—किसी के भाई को ज़िंदा जला दिया गया, किसी के दो बेटों के सिर पर तलवार से वार किया गया, तो कोई बेटा घर से निकला और फिर कभी वापस नहीं लौटा।


अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, तो इन पीड़ितों का हाल पूछने वाला कोई नहीं। राजनीतिक दल सिर्फ अपने वोट बैंक की चिंता कर रहे हैं। इसी चुनाव में, दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को AIMIM पार्टी ने मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जबकि वह जेल में बंद हैं और प्रचार के लिए उन्हें कस्टोडियल पैरोल दी गई है। मुस्तफाबाद वही इलाका है, जो दंगों की आग में जल उठा था।
ख़ैर... ख़बरगांव की टीम ने दंगा पीड़ितों से बात की और पाया कि वे आज भी उसी दर्द और हालात में जी रहे हैं। कोई उनका साथ देने को तैयार नहीं है।
पीड़ितों के साथ क्या हुआ था? दंगे कैसे भड़के थे? किसने इन्हें भड़काया था?
साल 2020 के हर महत्वपूर्ण पहलू को जानने के लिए इस वीडियो को देखें।  

Ad Banner

ट्रेंडिंग वीडियो


और देखें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap