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रेप केस को लेकर कोर्ट के आदेश की सच्चाई

तस्वीर: इंडियन एक्सप्रेस/योगेश पाटिल

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बलात्कार या बलात्कार का प्रयास नहीं माना जाता है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने की, जिसने तीनों आरोपियों द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने आरोपी आकाश और पवन के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 18 के आरोप हटा दिए। इसके बजाय, अब उन पर आईपीसी की धारा 354 (बी) (नंगा करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9/10 (गंभीर यौन हमला) के तहत मुकदमा चलेगा। निचली अदालत को नए सिरे से समन जारी करने का निर्देश दिया गया है। अधिक जानकारी के लिए पूरी वीडियो जरूर देखें। 

 

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