सीधी सी बात है, अगर कमाएंगे कम और खर्च करेंगे ज्यादा तो कर्ज तो बढ़ेगा ही। दुनियाभर में शायद ही ऐसा कोई देश हो जो जिस पर कोई कर्ज न हो। मगर हैरानी तब होती है जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी कर्जे में डूब रही हो। यहां बात हो रही है अमेरिका की, जिस पर कर्जा बढ़कर 37 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गया है। भारतीय करंसी में यह रकम 3,235 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होती है।

 

अमेरिका पर 37 ट्रिलियन डॉलर कर्ज की जानकारी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की नई रिपोर्ट में आई है। कोविड महामारी शुरू होने से पहले 2019 तक अमेरिकी सरकार पर 27 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था। इसका मतलब हुआ कोविड के बाद से अब तक अमेरिका पर 10 ट्रिलियन डॉलर का कर्जा बढ़ गया है।

 

अब यह कर्जा बढ़ता कैसा है? पहले इसे समझते हैं। मान लीजिए कि 2024 में सरकार की कमाई 400 रुपये है और खर्चा 500 रुपये है तो इसका मतलब हुआ कि खर्च पूरा करने के लिए 100 रुपये उधार लेने पड़े। अब 2025 में कमाई बढ़कर 600 रुपये हो गई लेकिन खर्चा भी बढ़कर 800 रुपये हो गया तो इसके लिए 200 रुपये फिर उधार लेने पड़े। इस तरह से कुल कर्ज हो गया 300 रुपये।

 

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अमेरिका पर ऐसे बढ़ रहा कर्ज

अमेरिकी सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। कुछ सालों में तो यह और भी तेजी से बढ़ा है। अगर आंकड़े देखें तो 100 साल में अमेरिकी सरकार पर 94 गुना कर्ज बढ़ गया है।

 

ट्रेजरी डिपार्टमेंट के डेटा के मुताबिक, 1924 तक अमेरिकी सरकार पर 395 अरब डॉलर का कर्ज था। अगस्त 2025 तक यह कर्ज बढ़कर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज हो गया। पीटर जी. पीटरसन फाउंडेशन का कहना है कि इस वक्त हर अमेरिकी पर 1.08 लाख डॉलर का कर्ज है।

 

अमेरिका पर कर्ज किस तेजी से बढ़ रहा है? इसे ऐसे समझिए कि हामारी आने से पहले जनवरी 2020 में कांग्रेसनल बजट ऑफिस ने अनुमान लगाया था 2030 तक अमेरिकी सरकार पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ सकता है। हालांकि, बाद में कोविड महामारी आई और इसने कर्जा और बढ़ा दिया। जनवरी 2024 तक अमेरिका पर कर्ज बढ़कर 34 ट्रिलियन डॉलर हो गया था। जुलाई 2025 तक यह बढ़कर 35 ट्रिलियन डॉलर और नवंबर 2024 तक बढ़कर 36 ट्रिलियन डॉलर हो गया था। पीटरसन का कहना है कि अब औसतन हर 5 महीने में एक ट्रिलियन डॉलर कर्ज बढ़ जा रहा है।

 

 

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क्यों बढ़ता जा रहा है अमेरिका पर कर्ज?

अमेरिकी सरकार पर जितना कर्ज है, वह भारत की GDP से 9 गुना ज्यादा है। इतना ही नहीं, अमेरिकी सरकार हर दिन कर्ज पर 2.6 अरब डॉलर का ब्याज चुका रही है।

 

वैसे तो कर्ज बढ़ने के कई कारण होते हैं? लेकिन पीटरसन की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में अब बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। अनुमान है कि 2030 तक हर दिन 10 हजार लोग 65 साल की उम्र को पार करेंगे। इसके साथ ही, अब लोगों की उम्र भी बढ़ रही है। यह अच्छी बात है लेकिन इससे सरकार का बजट बढ़ रहा है, क्योंकि उसका सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर पर खर्च बढ़ रहा है। ट्रेजरी डिपोर्टमेंट का डेटा बताता है कि अमेरिकी सरकार हर साल 36% बजट सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर पर खर्च कर रही है।

 

पीटरसन की रिपोर्ट बताती है कि हेल्थकेयर किसी भी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। दुनिया में हेल्थकेयर पर सबसे ज्यादा खर्च अमेरिका में होता है। अमेरिका में सालाना औसतन एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर 12,742 डॉलर का खर्च होता है। वहीं, वैश्विक औसत 6,850 डॉलर है।

 

इतना ही नहीं, अमेरिका का टैक्स सिस्टम भी ऐसा नहीं है जो खर्चा पूरा करने के लिए जरूरी रेवेन्यू पैदा करे। इस कारण कमाई और खर्च में असंतुलन होता है, जिस कारण कर्ज बढ़ता है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट का डेटा बताता है कि अमेरिकी सरकार हर साल अपनी कमाई से 1 से 2 ट्रिलियन डॉलर तक ज्यादा खर्च करती है। 2024 में ही सरकार को 4.92 ट्रिलियन डॉलर कमाई हुई थी, जबकि खर्च 6.75 ट्रिलियन डॉलर हुआ था।

 

 

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अभी तो और बढ़ेगा कर्ज!

अमेरिका पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज पहले से ही है और यह कर्ज अभी और बढ़ेगा। कुछ ही महीनों पहले ट्रंप सरकार ने 'बिग एंड ब्यूटीफुल बिल' पास किया है। इसमें कई सारी टैक्स कटौती का प्रावधान है। इस बिल को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के बीच तल्खियां बढ़ी थीं। मस्क का दावा है कि यह कानून सिर्फ और सिर्फ कर्जा ही बढ़ाएगा।

 

दरअसल, इस कानून में डेट सीलिंग यानी कर्ज लेने की सीमा को भी 36 ट्रिलियन डॉलर से बढ़ाकर 40 ट्रिलियन डॉलर कर दिया गया है। कांग्रेसनल बजट ऑफिस का मानना है कि इससे अगले 10 साल में अमेरिकी सरकार पर 4.1 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज और बढ़ जाएगा।

 

ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में इकोनॉमिक स्टडीज की सीनियर फेलो वेंडी एडेलबर्ग ने कहा, 'रिपब्लिकन के टैक्स लॉ का नतीजा यह है कि हम 2026 में और बहुत ज्यादा कर्ज लेंगे, 2027 में भी बहुत ज्यादा उधार लेंगे और यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा'

 

फेडरल बजट कमेटी की अध्यक्ष माया मैकगिनीज ने कहा, 'उम्मीद है कि इन आंकड़ों ने वास्तविकता से आमना-सामना करवा दिया होगा और अब हमें जल्द ही कुछ न कुछ करने की जरूरत है।'

जॉइंट इकोनॉमिक कमेटी का मानना है कि जिस तेजी से हर दिन कर्ज बढ़ रहा है, उस हिसाब से लगभग 173 में इसमें एक ट्रिलियन डॉलर और बढ़ जाएगा। यानी, अगले 6 महीने के भीतर अमेरिकी सरकार पर कर्ज 38 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।