संजय सिंह, पटना: बिहार में चुनावी जंग जीतने के लिए नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) और महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे प्रदेश के चुनावी क्षेत्र में कुल 10 सभाओं को संबोधित करेंगे। इधर कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की 10 और प्रियंका गांधी की 6 सभा होगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक दिन में चार-चार चुनावी सभाओं को संबोधित करने की जिम्मेदारी दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभाएं भी अलग से निर्धारित की गई हैं।
विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस बार चुनाव दो चरणों में ही होना है। समय की कमी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक दिन में चार-चार चुनावी सभाएं करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। 10 अक्टूबर के बाद से उनकी चुनावी सभाएं शुरू हो जाएंगी। वह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में रोज चार चुनावी सभाएं करेंगे। कहीं-कहीं उनका रोड शो भी होगा। एनडीए नेताओं का मानना है कि उनका मजबूत पकड़ महिला वोटरों पर है।
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चुनाव के कुछ दिन पहले तक उन्होंने जीविका दीदियों से संवाद भी किया है। जीविका दीदियों को रोजगार स्थापित करने के लिए दस-दस हजार रुपये उनके खाते में दिए गए हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि भी बढ़ाई गई है। 125 यूनिट बिजली भी फ्री कर दी गई है। इस सबका असर मतदाताओं पर है। नीतीश कुमार के प्रयास से यह वोट एनडीए की ओर आकर्षित हो सकता है।
प्रधानमंत्री के मंच पर होंगे 243 उम्मीदवार
एनडीए को प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है। हाल के दिनों में जिस तरह विकास की योजनाओं की घोषणा की गई है। उससे लोगों के मन में पीएम मोदी के प्रति विश्वास बढ़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी स्टार प्रचारक थे। लोकसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में उनकी 15 सभाएं विभिन्न इलाके में हुई थीं। इसके बेहतर परिणाम भी मिले थे। विधानसभा चुनाव से पहले इस वर्ष प्रधानमंत्री की सात चुनावी सभाएं हो चुकी हैं।
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पीएम मोदी की रैलियां इस हिसाब से कराई गईं कि पूरा प्रदेश कवर हो सके। प्रधानमंत्री की तीन में से एक सभा उस क्षेत्र में होगी, जहां JDU के प्रत्याशी होंगे। दो सभाएं बीजेपी प्रत्याशी के क्षेत्र में होंगी। प्रधानमंत्री की सभाओं में मंच पर प्रमुख नेताओं के अलावा एनडीए के प्रत्याशियों को भी जगह मिलेगी। प्रयास यह है कि बारी-बारी से एनडीए के सभी 243 प्रत्याशियों को पीएम के मंच पर जगह मिले। कोशिश यह होगी कि पीएम के मंच पर नीतीश कुमार साथ रहें।
प्रियंका और राहुल गांधी लगाएंगे जोर
इस बार चुनावी बाजी जीतने के लिए कांग्रेस भी पूरी तरह कमर कसकर मैदान में उतर चुकी है। पार्टी की ओर से यह तय किया गया है कि महागठबंधन के प्रभाव वाले इलाके में राहुल गांधी की 10 और प्रियंका गांधी की 6 सभाएं होंगी। चुनाव के पूर्व से ही राहुल और प्रियंका बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। एसआईआर के मुद्दे को राहुल गांधी ने जोरदार तरीके से उठाकर मुस्लिम, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा के वोट बैंक को साधने की कोशिश की थी लेकिन यह मुद्दा ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की भी तीन सभाएं निर्धारित की गई हैं। इसके अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य नेता चुनाव प्रचार में आ सकते है। इधर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का लगातार किसी न किसी क्षेत्र में दौरा जारी है। सीट शेयरिंग का मामला फाइनल होने के बाद तेजस्वी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के स्टार प्रचारक मुकेश सहनी के साथ मंच साझा कर सकते हैं।
राजनाथ, अमित शाह और नड्डा की भी होगी सभा
एनडीए के स्टार प्रचारकों के रूप में राजनाथ सिंह, अमित शाह और जेपी नड्डा को भी उतारा जाएगा। इनकी सभाओं का भी शेड्यूल तैयार कर लिया गया है। इन लोगों की 25-25 सभाएं होनी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभा वैसे क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी जहां सवर्ण मतदाताओं की संख्या अधिक है। राजनाथ सिंह पहले भी बिहार चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार की भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति से अच्छी तरह परिचित हैं। इनका गहरा लगाव बिहार की राजनीति से रहा है। JDU नेताओं के साथ भी उनका संबंध बेहतर है। यहां के लोगों की भावनाओं को वह अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण है कि उनके भाषणों का प्रभाव यहां के मतदाताओं पर पड़ सकता है।
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गृह मंत्री अमित शाह को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। वह अपने भाषणों में अक्सर राहुल गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव को निशाने पर रखते हैं। उनकी पकड़ पिछड़े, अति पिछड़े वोट बैंक पर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाएं कितने स्थानों पर होंगी यह अभी तय नहीं हुआ है। वह बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं। उनके भाषणों से हिंदू वोट बैंक की उम्मीद जगती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी चुनाव प्रचार के लिए बिहार आएंगे। बीजेपी को उम्मीद है कि उनके आने से यादव वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है। वैसे इस काम के लिए केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को भी लगाया गया है। महागठबंधन का आधार वोट बैंक यादव और मुस्लिम ही है। यदि यादव वोट बैंक में थोड़ी भी सेंधमारी होती है तो इसका लाभ एनडीए को मिलेगा।
