शाहपुर विधानसभा क्षेत्र मूलतः कृषि प्रधान क्षेत्र है। इसके उत्तर में गंगा और दक्षिण में सोन नदी बहती है। यह जगदीशपुर अनुमंडल का एक प्रखंड स्तरीय शहर है। राजधानी पटना से इसकी दूरी 85 किलोमीटर, बक्सर से 40 किलोमीटर और आरा से 30 किलोमीटर है।

 

साल 1972 तक शाहपुर एक जिला हुआ करता था जिसका मुख्यालय आरा में था लेकिन बाद में इसके आधे हिस्से को काटकर रोहतास में और आधे हिस्से को भोजपुर में मिला दिया गया। यहां पर तमाम ऐतिहासिक स्थल हैं जिनमें कुंडेश्वर धाम और महावीर स्थान प्रमुख हैं।

 

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मौजूदा समीकरण

बिहार के पूर्व मंत्री रामानंद तिवारी 1952 से लेकर 1969 तक लगातार पांच बार यहां से विधायक रहे। यह समाजवादियों का गढ़ माना जाता रहा है। उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी जैसे विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व किया। 1972 में पहली बार इस सीट से कांग्रेस जीती इसके बाद से इस सीट पर कई पार्टियां जीतती रहीं।

 

इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चार बार, कांग्रेस ने तीन बार, जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दो-दो बार और जनता दल ने एक बार जीत दर्ज की।

 

शाहपुर सीट पर तिवारी परिवार की हमेशा पकड़ रही है। रामानंद तिवारी के पुत्र शिवानंद तिवारी ने साल 2000 और 2005 में आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की थी। 

2020 में क्या स्थिति रही?

पिछले विधानसभा चुनाव में राहुल तिवारी ने जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 64,393 वोट मिले थे जो कि कुल वोटों का 41.1 प्रतिशत था। खास बात है कि दूसरे स्थान पर बीजेपी का कैंडीडेट नहीं था बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार शोभा देवी रही थीं। बीजेपी कैंडीडेट मुन्नी देवी तीसरे स्थान पर रही थीं और उन्हें कुल 21,355 वोट मिले थे।

 

इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी संभवतः बीजेपी को टिकट न देकर किसी ब्राह्मण कैंडीडेट को टिकट देगी,क्योंकि 2015 के चुनाव में बीजेपी की जीत तो नहीं हुई थी लेकिन विश्वेश्वर ओझा को 54,745 वोट मिले थे जो कि 2020 की तुलना में ज्यादा था। हालांकि, अगर साल 2020 की बात की जाए तो शोभा देवी और बीजेपी कैंडीडेट दोनों के कुल वोट मिलाकर भी आरजेडी कैंडीडेट राहुल तिवारी के बराबर नहीं था.

विधायक का परिचय

राहुल तिवारी एक राजनीतिक विरासत वाले परिवार से हैं। उनके पिता का नाम शिवानंद तिवारी हैं और दादा रामानंद तिवारी भी इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। राहुल तिवारी ने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की है।

 

राहुल तिवारी ने पहली बार 2015 में शाहपुर विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीता। उसके बाद 2020 में उन्होंने दोबारा चुनाव जीतकर इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की। 2020 में उन्होंने कुल 64,393 वोट प्राप्त किए और करीब 22,883 मतों से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी को पराजित किया।

 

वह पेशे से वे व्यवसायी हैं। चुनावी हलफनामों के अनुसार, 2020 में उनकी कुल संपत्ति करीब ₹7 करोड़ थी जबकि देनदारियां करीब ₹2.7 करोड़ बताई गईं। हालांकि, उनके विरोधी उनके ऊपर शाहपुर में जगलराज कायम रखने का आरोप लगाते हैं।

 

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विधानसभा का इतिहास

इस विधानसभा सीट पर शुरुआती दौर में रामानंद तिवारी का कब्जा रहा। वह अलग-अलग पार्टियों से लड़े और जीते। इसके बाद कई अन्य पार्टियों ने भी इस सीट से जीत दर्ज की लेकिन तिवारी परिवार का इस सीट पर दबदबा कायम रहा।

 

1952 - रामानंद तिवारी - सोशलिस्ट पार्टी

1957 - रामानंद तिवारी - प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

1962 - रामानंद तिवारी - संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी

1967 - रामानंद तिवारी - संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी

1969 - रामानंद तिवारी - संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी

1972 - सूरज नाथ चौबे - कांग्रेस

1977 - जय नारायण मिश्रा - जनता पार्टी

1980 - आनंद शर्मा - कांग्रेस

1985 - बिंदेश्वरी दुबे - कांग्रेस

1990 - धरम पाल सिंह - जनता पार्टी

1995 - धरम पाल सिंह - जनता दल

2000 - शिवानंद तिवारी - आरजेडी

2005 (फरवरी) - शिवानंद तिवारी - आरजेडी

2005 (अक्टूबर) - मुन्नी देवी - बीजेपी

2010 - मुन्नी देवी - बीजेपी

2015 - राहुल तिवारी - आरजेडी

2020 - राहुल तिवारी - आरजेडी