बिहार के शेखपुरा जिले में पड़ने वाली शेखपुरा विधानसभा का इतिहास काफी पुराना है। ऐसी मान्यता है कि भीम की पत्नी हिडिंबा यहां की गिरिहिंडा पहाड़ियों में रहती थीं। शेखपुरा सीट पर 1952 से चुनाव हो रहे हैं। यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन 2010 में यह सिलसिला टूट गया और फिर जेडीयू और अब आरजेडी का यहां कब्जा है।
शेखपुरा की सियासत में सबसे बड़ा नाम रजो सिंह का है। रजो सिंह यहां से 5 बार विधायक रहे हैं। 4 बार कांग्रेस से और एक बार निर्दलीय। उनके बाद उनके बेटे संजय सिंह और उनकी बहू सुनीला देवी यहां से विधायक रहीं। इस तरह से इस परिवार ने 33 सालों तक इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा।
मौजूदा समीकरण
शेखपुरा की सियासत में एक दशक में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहले जहां यहां कांग्रेस का राज हुआ करता था, वह अब यहां मुकाबले में भी नहीं है। 2010 से यहां जेडीयू और आरजेडी में ही मुकाबला हो रहा है। पिछली बार भी जेडीयू और आरजेडी में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। पिछली बार आरजेडी ने यह सीट लगभग 6 हजार वोटों से जीती थी। इसकी वजह यह भी थी कि तब चिराग पासवान की एलजेपी ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था, जिसका नुकसान जेडीयू को हुआ था। इस बार अगर एलजेपी अलग नहीं लड़ती है तो जेडीयू को यहां जीत मिल सकती है।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 में शेखपुरा से आरजेडी के विजय कुमार यादव ने जीत हासिल की थी। उन्होंने जेडीयू के रणधीर कुमार सोनी को 6,116 वोटों से हराया था। रणधीर कुमार सोनी यहां से दो बार के विधायक थे। विजय कुमार को 56,365 यानी 39 फीसदी और रणधीर कुमार को 50,249 यानी 35 फीसदी वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर एलजेपी के इमाम गजैल रहे थे, जिन्हें 14,552 यानी 10 फीसदी वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
शेखपुरा से मौजूदा विधायक विजय कुमार यादव को विजय सम्राट के नाम से भी जाना जाता है। जून 1978 में जन्मे विजय कुमार शेखपुरा नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2015 में उन्होंने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन तीसरे नंबर पर रहे थे। 2020 में उन्होंने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए। 2020 में अगर एलजेपी ने खेल नहीं बिगाड़ा होता तो विजय कुमार के लिए जीतना मुश्किल हो जाता।
2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में विजय कुमार ने अपने पास 6.94 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ 7 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
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विधानसभा का इतिहास
शेखपुरा सीट पर 1952 से 2020 तक 19 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं। इनमें से 12 चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है।
- 1952: शाह मुस्ताक (कांग्रेस)
- 1957: श्री कृष्णा सिन्हा (कांग्रेस)
- 1961: शिव शंकर सिंह (कांग्रेस)
- 1962: शिव शंकर सिंह (कांग्रेस)
- 1967: लोकनाथ आजाद (सीपीआई)
- 1969: लोकनाथ आजाद (सीपीआई)
- 1972: लोकनाथ आजाद (सीपीआई)
- 1977: रजो सिंह (कांग्रेस)
- 1980: रजो सिंह (कांग्रेस)
- 1985: रजो सिंह (निर्दलीय)
- 1990: रजो सिंह (कांग्रेस)
- 1995: रजो सिंह (कांग्रेस)
- 1998: संजय कुमार सिंह (कांग्रेस)
- 2000: संजय कुमार सिंह (कांग्रेस)
- 2005: सुनीला देवी (कांग्रेस)
- 2005: सुनीला देवी (कांग्रेस)
- 2010: रणधीर कुमार सोनी (जेडीयू)
- 2015: रणधीर कुमार सोनी (जेडीयू)
- 2020: विजय कुमार यादव (आरजेडी)