मेक्सिको में हजारों की संख्या में युवा प्रदर्शनकारी सरकार से नाराज होकर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां हैं, जिन पर मौजूदा सरकार के खिलाफ नारे लिखे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त है, आर्थिक संकट से प्रशासन जूझ रहा है लेकिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समाधान निकालने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या 'जेन ज़ी' की है। 1997 और 2012 के बीच पैदा हुई पीढ़ी 'जेन ज़ी' या जनरेशन ज़ेड के तौर पर जानी जाती है।
मेक्सिको में रविवार को भी उग्र विरोध प्रदर्शन हुआ है। अलग-अलग समूहों में प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले लोगों में 'जेन ज़ी' के अलावा कुछ उम्रदराज लोग भी शामिल हैं, अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग भी युवाओं का समर्थन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में मिचोआकेन के मेयर रहे कार्लोस मंजो के समर्थक भी शामिल थे। कार्लोस मंजो की नवंबर में ही डे ऑफ द डेड प्रोग्राम के दौरान गोली मारकर हत्या की गई थी।
यह भी पढ़ें: शेख हसीना दोषी करार, ICT ने सुनाई सजा, पढ़ें पूरा फैसला
क्यों सड़कों पर उतरे जेन ज़ी?
1 नवंबर को उरुआपान शहर के मेयर कार्लोस अल्बर्टो मंजो रॉड्रिग्ज की हत्या हो गई थी। हत्या के बाद ड्रग और अपराध से परेशान युवाओं ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया। 'जेन ज़ी' समूहों ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ लिखना शुरू किया। धीरे-धीरे पूरे मेक्सिको के लोग एकजुट हो गए। 'जेन ज़ी' किसी पार्टी से जुड़े नहीं हैं, उनका कहना है कि हिंसा, भ्रष्टाचार और सत्ता के बढ़ते दुरुपयोग से वे आजादी चाह रहे हैं। आम जनता का शोषण हो रहा है।
कर्लोस की हत्या क्यों हुई थी?
कर्लोस एंटी ड्रग ऑपरेशन चला रहे थे। मेक्सिको दुनियाभर में अपराध के लिए बदनाम रहा है। कार्लोस अल्बर्टो ने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम से मदद भी मांगी थी। उनकी मांग थी कि मेक्सिको में बढ़ते अपराध के लिए सरकार आगे आए। उनकी मांग नहीं सुनी गई। कार्लोस की हत्या कर दी गई। यह पहली बार नहीं था, जब किसी मेयर की हत्या हुई हो। इससे पहले जून में मिचोआकान प्रांत में एक और मेयर की हत्या हुई थी।
यह भी पढ़ें: शेख हसीना पर फैसला आज, ढाका में हाई अलर्ट, बांग्लादेश का नया बवाल क्या है?
प्रदर्शन क्यों भड़का?
15 नवंबर को मेक्सिको के 50 से ज्यादा शहरों में 'जेन ज़ी' ने विरोध प्रदर्शन निकाला है। प्रदर्शन की अगुवाई 'जेन ज़ी' ने की लेकिन इसमें हर उम्र के लोग शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन में कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। मैक्सिको सिटी में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास के बाहर तक पहुंच गए थे। वहां उन्होंने कुछ बैरिकेड्स को तोड़ दिया, पुलिस से भिड़ गए। 100 से ज्यादा लोग इस भिड़ंत में घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने 'पाइरेट फ्लैग' भी लहराया। समुद्री डाकू इसे अपनी पहचाने के लिए इस्तेमाल करते थे। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
समस्याएं जिनसे जूझ रहा है मेक्सिको
- अपराध: मेक्सिको के 6 शहरो में हत्या की दर प्रति 1 लाख व्यक्ति पर 100 है।
- ऑर्गेनाइज्ड क्राइम: मेक्सिको में अपराध उद्योग की तरह बन गया है।
- हथियार तस्करी: मेक्सिको में अमेरिका से 70 फीसदी हथियार तस्करी के जरिए आ रहे हैं।
- न्याय प्रणाली: मेक्सिको की न्यायिक व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं, भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं।
- कमजोर लोकतंत्र: संवैधानिक संस्थाओं में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने के आरोप लग रहे हैं।
- भ्रष्टाचार: UN भी चिंता जता चुका है। अधिकारी ड्रग्स प्लांट कर गिरफ्तारी करते हैं, 37% कैदी बिना सजा के जेल में बंद हैं।
- गरीबी: मेक्सिको में गरीबी की दर 36.3% फीसदी है।
- पत्रकारों पर हमले: 2018 से 2024 के बीच 3,408 हमले हुए, 46 पत्रकार मारे, लापता हैं।
सोर्स: ह्युमन राइट्स वॉच
क्या बदलाव चाहते हैं जेन ज़ी?
जेन ज़ी प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मेक्सिको में बढ़ते अपराध को नियंत्रित किया जाए। संगठित अपराध खत्म हो, सरकारी भ्रष्टाचार थमे, मजबूत लोकतंत्र की नींव पड़े। आर्थिक असामनता खत्म हो, हथियारों की अवैध तस्करी रुके और ज्यादा संसाधनों को विकसित करने पर सरकार जोर दे।
यह भी पढ़ें: साजिश, क्रांति या कुछ और, नेपाल के Gen Z जानते हैं कि क्या कर दिया है?
मैक्सिको में अपराध बेलगाम क्यों है?
बेलगाम अपराध को लेकर मेक्सिको की अक्सर आलोचना होती है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन (CFR) की रिपोर्ट बताती है कि वहां 1980 से अपराध का बोलबाला है। ड्रग गिरोहों की लड़ाई से हर साल 30,000 से ज्यादा लोग मरते हैं। मेक्सिको में अपहरण, लापता होना और हत्याएं आम हो गई हैं। साल 2006 में एक बार इन संगठित अपराधों के खिलाफ सेना तक उतारनी पड़ी थी। हालात तब से लेकर अब तक नहीं संभले।
2006 में सरकार ने सेना उतारी थी, लेकिन हालत और बिगड़ गई। राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम चाहती हैं कि मेक्सिको में 'गोली नहीं गले लगाकर' अपाधियों को मुख्य धारा में लाया जाए। उन्होंने खुफिया विभाग को सक्रिय किया है, जांच एजेंसियों को भिड़ा दिया है लेकिन काम नहीं बन पा रहा है। मेक्सिको में अपराध पर नियंत्रण नहीं हो रहा है।
मेक्सिको पर क्या कहती है ह्युमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट?
इंटरनेशनल ह्युमन राइट्स वॉच, HRW की रिपोर्ट बताती है कि मेक्सिको में अपराध साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। मेक्सिको के कई शहरों में हत्या, किडनैपिंग जैसे अपराध अन्य शहरों की तुलना में हद से ज्यादा हैं। साल 2022 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि हर 1 लाख लोगों पर 100 से ज्यादा लोगों की मेक्सिको में हत्या हो जाती है।
