देश की राजधानी दिल्ली में सांसदों के लिए नए फ्लैट तैयार किए गए हैं। सोमवार को इन फ्लैट्स का उद्घाटन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कॉम्प्लेक्स में बने टावरों के नाम को लेकर चुटकी ले ली। इन टावरों के नाम नदियों के नाम पर रखे गए हैं और एक टावर का नाम बिहार में बहने वाली कोसी नदी के नाम पर रखा गया है। इसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को परेशानी भी होगी, उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा। बताते चलें कि नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंग मार्ग पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग तैयार की गई है जिसमें टाइप-7 के 184 नए फ्लैट बनाए गए हैं।

 

इस कार्यक्रम में अपने संबोधन से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इन फ्लैट्स को बनाने वाले श्रमजीवियों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। इसी परिसर में पीएम मोदी ने सिंदूर का एक पौधा भी लगाया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजीजू, शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्ट, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। पीएम मोदी ने सांसदों के लिए बनाए गए फ्लैट का एक सैंपल भी देखा और अपने भाषण में भी उसका जिक्र किया।

 

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बिहार और कोसी का जिक्र

 

इस परिसर में बनाए गए टावरों के नाम के बारे में पीएम मोदी ने कहा, 'इन 4 टावर के नाम भी बहुत सुंदर हैं। कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली, भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जन प्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी। कुछ लोगों को परेशानी भी होगी। कोसी नदी पर नाम रखा है तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा। ऐसे छोटे मन के लोगों के मन की परेशानियां भी दिखेंगी, इस पर मैं कहूंगा कि नदियों के नामों की परंपरा देश की एकता के सूत्र में हमें बांधती है।'

 

 

सांसदों के लिए बनाए गए फ्लैट्स का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे सांसद साथी जिस नए आवास में प्रवेश करेंगे, अभी मुझे उसका एक सैंपल फ्लैट देखने का भी मौका मिला। मुझे पुराने सांसद आवासों को देखने का मौका भी मिलता रहा है। पुराने आवास जिस तरह बदहाली का शिकार होते थे, सांसदों को जिस तरह आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नए आवासों में गृह प्रवेश के बाद उनसे मुक्ति मिलेगी। सांसद साथी अपनी समस्याओं से मुक्त रहेंगे तो वे अपना समय और अपनी ऊर्जा और बेहतर तरीके से जनता की समस्याओं के समाधान में लगा पाएंगे।'

 

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नए फ्लैट्स में क्या है खास?

 

बाबा खड़क सिंह मार्ग पर गोल डाक खाना गोल चक्कर से सटकर नर्मदा अपार्टमेंट और सिंधु अपार्टमेंट के बगल में बना यह परिसर सांसदों का नया ठिकाना होगा। नर्मदा, सिंधु, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, गोमती, सरस्वती और यमुना अपार्टमेंट भी सांसदों के आवास ही हैं। इस बार बने फ्लैट्स 5000 वर्ग फुट के कारपेट एरिया में बनाए गए हैं।

 

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इसी परिसर में आवास के साथ-साथ दफ्तर, कर्मचारियों के आवास और कम्युनिटी सेंटर भी है। यह सब बनाने का मकसद है कि सांसद अपने आवास से सार्वजनिक और आधिकारिक काम भी कर सकें। सभी इमारतों को आधुनिक सामग्री और तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है और सभी टावर भूकंपरोधी हैं।

 

इन फ्लैट्स में 5 कमरे हैं जिनमें से 2 कमरे सहायक कर्मचारियों के लिए हैं। इस प्रोजेक्ट को बनाने में लगभग 550 करोड़ रुपये की लागत आई है। दरअसल, कई सांसदों के आवास काफी पुराने थे और उनके रखरखाव में काफी खर्च होता था। ऐसे में नए आवास बनाने का फैसला लिया गया था। सांसदों की संख्या बढ़ने के चलते टावर बनाने की योजना तैयार की गई जिससे कम जगह में ज्यादा फ्लैट बनाए जा सकें।