ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली बम धमाके की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली धमाके में 14 लोग मारे गए हैं, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं। हर शख्स को खुलकर इस घटना की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो देश के खिलाफ हैं, वे हमारे दुश्मन हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर लोग दहशतगर्दी पर चुप रहे इन क्रूर लोगों को खुली छूट मिल जाएगी। ओवैसी ने कहा है कि जो लोग सोचते हैं कि भारतीय मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना देंगे तो ऐसा नहीं होगा। जब तक दुनिया कायम है, भारतीय मुसलमान इस देश में इज्जतदार नागरिक के रूप में रहेंगे।
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असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM चीफ:-
अगर तुम हाकिम हो तो अपने डर से मत कांपो, लेकिन हमारी वतन की मोहब्बत पर सवाल मत उठाओ।
'तालीमी इदारों में बम बनाओगे तो...'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जब वतन की मोहब्बत की बात हम करते हैं कि तो जो तालीम इदारे मुस्लिम मुसलमानों ने कायम किए अगर कोई उसमें बैठकर बम बनाने की साजिश करता है तो हम उसकी भी खिलाफत करते हैं। एक तालीमी इदारा बनाना कितना मुश्किल काम होता है जो ये जालिम लोग हैं। मदरसे और स्कूल का एक कमरा नहीं बना सकते वे ही जालिम अमोनियम नाइट्रेट लेकर बैठे हैं।'
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'जो मुल्क का दुश्मन, वह हमारा दुश्मन'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'दिल्ली ब्लास्ट में 15 लोग मारे गए, जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों ही शामिल है। ऐसी जहनियत वाले लोगों कि हमें जमकर आलोचना करनी चाहिए। जो मुल्क का दुश्मन है वह हमारा भी दुश्मन है। अगर इस तरह की हरकतें होगी तो हम फिर खुली छूट दे रहे हैं तो करना है कर लो'
'मुस्लिम दोयम दर्जे का नागरिक नहीं है'
ये लोग समझ रहे हैं कि मुसलमान को दोयम दर्ज का नागरिक बनाया जाएगा। तुम भूल जाओ तुम्हारी नस्ले खत्म हो जाएंगी और हम खत्म हो जाएंगे। जब तक दुनिया बाकी रहेगी, हिंदुस्तान में मुसलमान एक बाइज्जत हिंदुस्तानी बनकर रहेगा। हम लड़ेंगे जम्हूरियत के दायरे में रहकर।'
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असम और गुजरात पर ओवैसी ने क्या कहा?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'कितनी मुश्किलें आई हैं? असम में नेल्ली का कत्लेआम हुआ। आपने हाशिमपुरा, मलियाना की घटनाएं देखीं। गुजरात में हमने और आपने देखा कि 1969 का कत्लेआम 2002 से भी बदतर था। फिर 2002 का कत्लेआम देखा। 2020 में दिल्ली का कत्लेआम। हैदराबाद के कत्लेआम। लेकिन एक बात जो लोग नहीं समझते, हमने ये सब कत्लेआम झेले। हमारी मस्जिद शहीद हुई। और जब अदालत का फैसला आया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आस्था के आधार पर मस्जिद तुम्हें नहीं मिल सकती।'
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'मुसलमानों की वफादारी के सबूत मांगते हैं लोग'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मुल्क की तारीख उठाकर पढ़ लो। जो आज मुसलमानों को गालियां देते हैं, फायदा उठाते हैं और हमसे वफादारी का सर्टिफिकेट मांगते हैं। हमने बहुत कुछ सहा है, कल भी सहेंगे, लेकिन वतन से कभी नफरत नहीं की। जो सत्ता में बैठे जालिम हैं, उनसे कहते हैं। तुम जालिम हो, हम तुमसे नफरत करते हैं। अगर तुम मुसलमानों को दबा रहे हो तो भारत को कमजोर कर रहे हो।'
'नफरत करोगे तो आबाद कैसे होगा भारत'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'भारत अगर विकसित देश बनना चाहता है, तो कैसे बनेगा जब तुम मुसलमानों को नफरत की नजर से देखोगे और उन पर अन्याय करोगे? संविधान में समानता का अधिकार है, वह आप भूल जाते हैं। अगर फैसला हमारे खिलाफ आया, तो क्या किसी मुसलमान ने अदालत जाकर किसी जज पर जूता फेंका? जूता फेंकने वाले पर कोई बात नहीं होती, न मीडिया में, क्योंकि वो बहुसंख्यक समुदाय का है। हमारे वतन से मोहब्बत रही है और हमेशा रहेगी।'
