भारत में जैन धर्म के अनुयायी अपने 24 तीर्थंकरों के शिक्षाओं और जीवन मूल्यों का अनुसरण करते हुए जीवन जीते हैं। इन तीर्थंकरों ने सत्य, अहिंसा, संयम, करुणा और आत्मा की शुद्धि के जरिए मोक्ष की राह दिखाई है। हर तीर्थंकर का जन्म अलग-अलग स्थानों पर हुआ और उन्होंने अपने समय में समाज को नैतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक दिशा दिखाने में मदद की है। विशेषकर महावीर स्वामी, जो 24वें तीर्थंकर हैं, उन्होंने अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांतों को समाज में स्थापित किया था। उनके आदर्श आज भी जैन धर्म के अनुयायियों के जीवन में मार्गदर्शक का काम करते हैं।

 

इसी तरह, अन्य तीर्थंकरों ने भी अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से समाज में सत्य बोलने, संयमित जीवन जीने और करुणा का पालन करने की प्रेरणा दी है। आज, भारत के अलग-अलग हिस्सों में स्थित तीर्थंकरों के जन्म स्थलों और मंदिरों में श्रद्धालु उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए पूजा-अर्चना करते हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि जैन संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने का जरिया भी हैं।

 

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जैन धर्म के 24 तीर्थंकर, जन्म स्थान, प्रतीक चिन्ह और निर्वाण स्थल

ऋषभदेव (आदिनाथ)

 

जन्म स्थान: अयोध्या

 

प्रतीक चिन्ह: वृषभ (बैल)

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना, कर्मों का फल समझना, और संयमित जीवन जीना।

 

निर्वाण: कैलाश पर्वत

 

अजितनाथ

 

जन्म स्थान: अयोध्या

 

प्रतीक चिन्ह: हाथी

 

प्रमुख शिक्षा: दया, करुणा और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: पारसनाथ पर्वत

 

सम्भवनाथ

 

जन्म स्थान: श्रावस्ती

 

प्रतीक चिन्ह: घोड़ा

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य और अहिंसा के साथ जीवन जीना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

अभिनन्दननाथ

 

जन्म स्थान: अयोध्या

 

प्रतीक चिन्ह: बंदर

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

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सुमतिनाथ

 

जन्म स्थान: अयोध्या

 

प्रतीक चिन्ह: पक्षी

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

पद्मप्रभु

 

जन्म स्थान: कोसाम्बी

 

प्रतीक चिन्ह: कमल

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

सुपार्श्वनाथ

 

जन्म स्थान: वाराणसी

 

प्रतीक चिन्ह: स्वस्तिक

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

चंद्रप्रभु

 

जन्म स्थान: चन्द्रपुरी

 

प्रतीक चिन्ह: चन्द्रमा

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

सुविधिनाथ

 

जन्म स्थान: काकंदि

 

प्रतीक चिन्ह: मगरमच्छ

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

शीतलनाथ

 

जन्म स्थान: भद्रिलपुर

 

प्रतीक चिन्ह: कल्पवृक्ष

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

श्रेयांसनाथ

 

जन्म स्थान: सिंहपुरी

 

प्रतीक चिन्ह: गेंडा

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

वासुपूज्य

 

जन्म स्थान: चम्पापुरी

 

प्रतीक चिन्ह: भैंसा

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण-चंपापुरी

 

विमलनाथ

 

जन्म स्थान: कंपिलपुर

 

प्रतीक चिन्ह: जंगली सुअर

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

अनंतनाथ

 

जन्म स्थान: अयोध्या

 

प्रतीक चिन्ह: नाग

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

धर्मनाथ

 

जन्म स्थान: रतनपुर

 

प्रतीक चिन्ह: ध्वज

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

शांतिनाथ

 

जन्म स्थान: हस्तिनापुर

 

प्रतीक चिन्ह: वृषभ

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

कुंथुनाथ

 

जन्म स्थान: हस्तिनापुर

 

प्रतीक चिन्ह: कच्छप

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

अरनाथ

 

जन्म स्थान: हस्तिनापुर

 

प्रतीक चिन्ह: रथ

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

मल्लिनाथ

 

जन्म स्थान: मिथिला

 

प्रतीक चिन्ह: मल्ल

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

मुनिसुव्रतनाथ

 

जन्म स्थान: राजगृही

 

प्रतीक चिन्ह: मुनि

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

नमिनाथ

 

जन्म स्थान: मिथिला

 

प्रतीक चिन्ह: नीलकमल

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

नेमिनाथ

 

जन्म स्थान: द्वारका

 

प्रतीक चिन्ह: सिंह

 

प्रमुख शिक्षा: सहनशीलता और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: गिरनार पर्वत

 

पार्श्वनाथ

 

जन्म स्थान: वाराणसी

 

प्रतीक चिन्ह: सर्प

 

प्रमुख शिक्षा: सत्य बोलना, अहिंसा का पालन करना और संयमित जीवन जीना।

 

निर्वाण: समेद शिखर

 

महावीर स्वामी

 

जन्म स्थान: क्षत्रियकुंड

 

प्रतीक चिन्ह: वृषभ

 

प्रमुख शिक्षा: अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करना।

 

निर्वाण: पावापुरी