इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस समीर जैन ने समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद आजम खान से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। यह जानकारी खुद जस्टिस जैन ने शुक्रवार को दी। जस्टिस समीर जैन वर्तमान में जिस केस की सुनवाई में शामिल थे वह 2016 का यतीमखाना (अनाथालय) केस भी शामिल है। उन्होंने केस को अपने कोर्ट से रिलीज कर दिया।
दरअसल, जस्टिस जैन को शुक्रवार को रामपुर में 2016 में यतीमखाना बस्ती से लोगों को जबरदस्ती निकालने से जुड़े मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन कोर्ट में कार्रवाई शुरू होने से पहले ही, उन्होंने खुली कोर्ट में अचानक घोषणा करते हुए कहा कि वह 'अब आजम खान से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं कर पाएंगे।' हालांकि उन्होंने केस से खुद को अलग करने का कोई कारण नहीं बताया।
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कोर्ट में कौन पेश हुआ?
जब जस्टिस जैन ने कोर्ट में केस से अलग होने की घोषणा की तो उस वक्त वकील SFA नकवी और वकील सैयद अहमद फैजान सह-आरोपी की ओर से पेश हुए। वहीं, वकील NI जाफरी, वकील शाश्वत आनंद और वकील शशांक तिवारी आजम खान और सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल की ओर से पेश हुए।
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वकीलों ने फैसले पर हैरानी जताई
वहीं, कोर्ट में मौजूद वकीलों ने इस फैसले पर हैरानी जताई, क्योंकि जस्टिस जैन पहले भी समाजवादी पार्टी के नेता से जुड़े चार केस में सुनवाई कर चुके थे। कोर्ट ने साफ किया कि ट्रायल कोर्ट के आखिरी फैसले पर रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी। अब आजम खान का केस दूसरी बेंच के सामने रखा जाएगा।
वकील शाश्वत आनंद ने जस्टिस जैन के फैसले को हाई कोर्ट में 'एक दुर्लभ मामला' बताया, जो आमतौर पर कम देखने को मिलता है। जस्टिस जैन ने इससे पहले 10 सितंबर को यतीमखाना केस में आजम खान को बेल दी थी, जिसके बाद कार्रवाई बंद करने पर विचार करने के लिए सुनवाई चल रही थी।
