दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार को दिल्ली में हवा और ज्यादा जहरीली हो गई। कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार चला गया। इससे दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रोज़ शाम 4 बजे बताया जाने वाला 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को 361 था। शाम 6 बजे यह और बढ़कर 372 हो गया।

 

सीपीसीबी की समीर ऐप से पता चलता है कि दिल्ली के 39 निगरानी केंद्रों में से कम से कम 15 केंद्रों पर शाम 6 बजे एक्यूआई 400 या इससे ज़्यादा था। इनमें अलीपुर (417), आईटीओ (408), पंजाबी बाग (404), नेहरू नगर (407), पटपड़गंज (403), अशोक विहार (402), सोनिया विहार (401), जहांगीरपुरी (409), रोहिणी (408), विवेक विहार (415), नरेला (412), वज़ीरपुर (424), बवाना (424), चांदनी चौक (400) और बुराड़ी क्रॉसिंग (420) शामिल हैं।

 

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NCR में भी हवा की हालत खराब

एनसीआर क्षेत्र में नोएडा का एक्यूआई 354, ग्रेटर नोएडा 336 और गाज़ियाबाद 339 रहा। ये सभी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आए। यह जानकारी पीटीआई ने सीपीसीबी के हवाले से दी। शनिवार सुबह दिल्ली का एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। सुबह 8 बजे कुल सूचकांक 355 था। शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 322 था और वह देश का सबसे प्रदूषित शहर था। शनिवार को भी पीएम 2.5 और पीएम10 मुख्य प्रदूषक रहे। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Air Quality early warning System) ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों तक शहर की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगी। यह भी पीटीआई ने सीपीसीबी के हवाले से कहा।

 

सीपीसीबी के अनुसार एक्यूआई की श्रेणियां इस तरह हैं – 0 से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक ‘गंभीर’।


दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ हवा में धुंध और धूल बढ़ गई है। सड़कों पर वाहनों की संख्या, निर्माण कार्य, पराली जलाना और मौसम की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। लोग सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और खांसी की शिकायत कर रहे हैं। डॉक्टर बाहर कम निकलने और मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं।

सरकार उठा रही कदम

सरकार ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कड़े कदम उठा रही है। ट्रकों की एंट्री पर रोक, निर्माण कार्य बंद करना और स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जैसी योजनाएं चल रही हैं। लेकिन अभी तक राहत नहीं मिली है।


मौसम विभाग का कहना है कि हवा की गति कम होने से प्रदूषक हवा में फंस रहे हैं। अगर बारिश हुई तो कुछ राहत मिल सकती है। लोग घरों में एयर प्यूरीफायर चला रहे हैं और बच्चों-बुजुर्गों को खास सावधानी बरतने को कहा जा रहा है।

 

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दिल्ली की यह समस्या हर साल दीवाली के बाद बढ़ती है। इस बार भी पराली जलाने की वजह से धुआं दिल्ली तक पहुंच रहा है। पंजाब और हरियाणा में किसान पराली जला रहे हैं जिसका असर राजधानी पर पड़ रहा है। लोगों को चाहिए कि वे कार पूलिंग करें, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें और पटाखे न जलाएं। पेड़ लगाना और बिजली बचाना भी मदद करेगा। सब मिलकर कोशिश करें तो दिल्ली की हवा फिर से साफ हो सकती है।