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2020 के पहले चरण में NDA पर भारी था महागठबंधन, इस बार क्या उम्मीद है?

बिहार विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण का मतदान हो चुका है। 6 मई को जिन सीटों पर वोट पड़े, 2020 में वहां के नतीजे कैसे रहे, आइए जानते हैं।

Bihar Assembly Elections 2025

तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर (Photo Credit: Khabargaon)

बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है। गुरुवार को हुए मतदान में करीब 65 फीसदी वोटरों ने हिस्सा लिय़ा था। मध्य बिहार की इन सीटों पर जबरदस्त वोटिंग हुई थी। एनडीए बनाम महागठबंधन की सीधी लड़ाई के बीच 2025 में जन सुराज ने भी यहां दस्तक दी। प्रशांत किशोर की अगुवाई में जन सुराज पार्टी भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है, प्रशांत किशोर के मुताबिक यह मामला त्रिकोणीय है।

बिहार की जिन 121 सीटों पर वोटिंग हुई है, यहां साल 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या समीकरण रहे, कितना बदलाव हुआ, आइए समझते हैं। बिहार में पहले चरण में गुरुवार को 121 सीटों पर वोट डाले गए हैं। सीटों कौन सी हैं, क्या समीकरण रहे हैं, आइए समझते हैं-

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2020 में क्या हुआ था?

साल 2020 में एनडीए को 121 विधानसभा सीटों में से 59 सीटें मिलीं थीं। महागठबंधन ने यहां 61 सीटों पर जीत हासिल किया था। एनडीए को करीब 37.69 फीसदी वोट मिले तो महागठबंधन 38.06 प्रतिशत वोट पड़े। बीजेपी 49 सीटों पर उतरी थी, 32 सीटों पर जीत हासिल की। जेडीयू ने 71 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे थे, 42 पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने 31 सीटों पर प्रत्याशी उतारा था, जीत सिर्फ 8 सीटों पर मिली। साल 2020 में 121 सीटों पर कुल 55.81 फीसदी वोटिंग हुई थी। 

लोकसभा चुनाव 2024 में क्या आंकड़े थे?

2024 लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर NDA 95 विधानसभा में आगे था, महागठबंधन 25 विधानसभाओं में। एनडीए 2024 में एकजुट रहा। साल 2020 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा नहीं थे। 2024 तक वह एनडीए के साथ आ गए थे, अहम सहयोगी की भूमिका में रहे। उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए में आ गए थे। 

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अब क्या बदलाव हो सकता है?

चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के साथ हैं। चिराग, पासी समुदाय से आते हैं, उपेंद्र कुशवाहा कोइरी-कुशवाहा समुदाय से। पासी समुदाय की आबादी करीब 5 फीसदी है, वहीं 4.27 फीसदी के आसपास कुशवाहा समाज है। एनडीए दोनों नेताओं के साथ आने से और मजबूत हुआ है।

महागठबंधन ने अपनी सियासी लड़ाई सुलझा ली है। मुकेश सहनी महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़े हैं। वह मल्लाह समुदाय से आते हैं, जिसकी आबादी 2.6 फीसदी से ज्यादा है। वह विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया हैं, खुद को मल्लाहों का नेता बताते हैं। जन सुराज की एंट्री की वजह से अब समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।

 

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कहां दिक्कत में है महागठबंधन?

पहले चरण की 5 सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी टकरा गए हैं, दूसरे चरण में 6 सीटें ऐसी हैं।  

बड़े मुकाबले, जिन पर है सबकी नजर

  • अलिनगर: BJP की भोजपुरी सिंगर मैथिली ठाकुर चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ RJD के  विनोद मिश्रा उतरे हैं। जन सुराज ने यहां से बिप्लव कुमार चौधरी को उतारा है।
  • छपरा: RJD ने भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव को उतारा है। बीजेपी ने छोटी कुमारी को उतारा है, वहीं जन सुराज ने जय प्रकाश सिंह को टिकट दिया है।
  • दानापुर: BJP के पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव यहां से सियासी मैदान में हैं। आरजेडी ने  रीतलाल राय को उतारा है। वह बाहुबली नेता हैं। कई कुख्यात अपराधों में उनका नाम शामिल रहा है। 
  • मोकामा: JDU के बाहुबली अनंत सिंह बनाम RJD की वीणा देवी की सीधी जंग है। जन सुराज ने प्रियदर्शी पीयूष को उतारा है।
  • राघोपुर: महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव यहां से चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी ने सतीश कुमार यादव को उतारा है। जन सुराज ने चंचल सिंह को टिकट दिया है।  
  • सिवान: BJP ने मंगल पांडेय को उतारा है। आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को उतारा है। जन सुराज ने इंतेखाब अहमद को टिकट दिया है। 
  • तारापुर: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी यहां से उम्मीदवार हैं। आरजेडी ने अरुण साह को उतारा है। जन सुराज ने डॉ. संतोष सिंह को उतारा दिया है। 

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