बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 200 से ज्यादा एनडीए ने जीत ली हैं। बीजेपी को 89 सीटें मिली हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनी है। दूसरे नंबर पर 85 सीटों के साथ जेडीयू है। एनडीए की बाकी पार्टियों में एलजेपी (आर) ने 19, हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा ने 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 4 सीटें जीती हैं। कुल मिलाकर एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा कर लिया है।
दूसरी ओर, महागठबंधन 34 सीटों पर सिमट गया है। आरजेडी ने 25, कांग्रेस ने 6 और लेफ्ट ने 3 सीटें जीती हैं। महागठबंधन का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। 2020 के चुनाव में महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इन नतीजों को जहां एनडीए बिहार के विकास की जीत बता रहा है। वहीं, कांग्रेस इस पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नतीजों के बाद कहा कि 'बिहार के नतीजे चौंकाने वाले हैं। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।'
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कांग्रेस ने SIR को बताया जिम्मेदार
चुनाव नतीजों के एक दिन बाद कांग्रेस ने दावा किया है कि बिहार में जो वोटर लिस्ट साफ करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) किया गया था, उससे NDA को फायदा हुआ है।
केरल कांग्रेस की तरफ से एक पोस्ट की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि एनडीए को 202 में से 128 सीटें पूरी तरह से SIR के जरिए वोटर डिलीट होने के कारण मिली हैं।
कांग्रेस ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने डिलीट वोटर का डेटा जारी किया था, हमने उसकी तुलना हर विधानसभा सीट में विक्ट्री मार्जिन से की। पैटर्न साफ है- SIR के तहत मनमाने ढंग से वास्तविक और जीवित वोटरों को हटा दिया गया।'
कांग्रेस ने लिखा, 'SIR का मकसद बांग्लादेश, म्यांमा और नेपाल के अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें हटाना था लेकिन चुनाव आयोग ने जो डेटा दिया है, उसमें एक भी अवैध प्रवासी नहीं मिला है।'
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कांग्रेस ने बताया कैसे हुआ खेल?
कांग्रेस ने दावा किया है कि असली वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया और पूरी तरह से मनगढ़ंत चुनाव करवाया गया।
कांग्रेस ने आगे पोस्ट में लिखा, 'असल में SIR के नाम पर गरीब और कमजोर वोटरों को हटाने का एक व्यापक अभियान चलाया गया। उन्हें वोटर लिस्ट से हटाने के बाद, जो भी बचे थे उन्हें वोट डालने से रोक दिया गया और फिर पूरी तरह से मनगढ़ंत चुनाव कराया गया।'
पार्टी ने आगे आरोप लगाते हुए कहा, 'यह आपके लिए 'लोकतंत्र की जननी' है। अगर हम अभी इस खेल को नहीं समझेंगे तो बीजेपी चुपचाप हममें से हर एक को लिस्ट से हटा देगी। हमारी जगह नकली ब्राजीलियाई लोगों को शामिल कर लेगी जो वोट डालेंगे और इस तरह से बीजेपी हमेशा से चुनाव जीतती रहेगी।'
इस पोस्ट में कांग्रेस ने SIR से डिलीट किए गए वोटरों की संख्या और विक्ट्री मार्जिन की तुलना की है। कांग्रेस ने दावा किया है कि एनडीए ने जो 202 सीटें जीती हैं, उनमें से 128 सीटें ऐसी हैं जहां डिलीट किए गए वोटरों की संख्या विक्ट्री मार्जिन से ज्यादा है। उदाहरण के लिए- मोतिहारी सीट पर 54,013 वोटर डिलीट किए गए। इस सीट पर बीजेपी ने 13,563 वोटों से जीत हासिल की। इसी तरह गोपालगंज पर 66,270 वोटर डिलीट हुए और यहां 28,972 वोट से बीजेपी जीती।
कांग्रेस का दावा है कि असली और जीवित वोटरों के नाम लिस्ट से डिलीट कर दिए गए। अगर इन्हें वोट देने को मिलता तो नतीजा कुछ और हो सकता था।