बिहार के लखीसराय जिले की लखीसराय विधानसभा वीआईपी सीटों में से एक है, क्योंकि यह डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का गढ़ है। लगातार तीन चुनाव से विजय कुमार सिन्हा ही यहां से जीत रहे हैं।
लखीसराय 1977 में विधानसभा बनी थी और तब से यहां 11 बार चुनाव हो चुके हैं। लखीसराय सीट पहले मुंगेर लोकसभा में आती थी। साल 1994 में लखीसराय को मुंगेर जिले से अलग कर नया जिला बनाया गया। पहले इसे लकीसराय कहा जाता था और बाद में इसका नाम लखीसराय पड़ा।
ऐसी मान्यता है कि इस जगह का नाम भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर पड़ा। पहले इसे लक्ष्मणेश्वर कहा जाता था। हालांकि, बाद में इसका नाम लखीसराय पड़ गया।
मौजूदा समीकरण
लखीसराय बीजेपी का गढ़ रहा है। पिछले 6 विधानसभा चुनावों में 5 बार बीजेपी ही यहां से जीती है। पिछले तीन चुनाव से यहां से लगातार विजय कुमार सिन्हा जीत रहे हैं। विजय कुमार का यहां दबदबा माना जाता है। डिप्टी सीएम होने के बाद उनका कद और बढ़ा है। इसलिए इस बार फिर उनके जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
यह भी पढ़ें-- गोपालगंज विधानसभा: क्या BJP लगा पाएगी जीत का छक्का या पलटेगी बाजी?
2020 में क्या हुआ था?
पिछले चुनाव में यहां 52 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2020 में विजय कुमार ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के अमन राज को 10,483 वोटों से हराया था। पिछले चुनाव में विजय कुमार को 74,212 और अमन राज को 63,729 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
विजय कुमार बिहार में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। वह बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता से लेकर स्पीकर और डिप्टी सीएम के पद तक पहुंचे हैं।
विजय कुमार को आरएसएस का करीबी माना जाता है। 1962 में पैदा हुए विजय कुमार 1982 में ही आरएसएस से जुड़ गए थे। वह एबीवीपी से भी जुड़े रहे हैं। साल 2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश संगठन प्रभारी नियुक्त किया गया।
2005 में दो बार विधानसभा चुनाव हुए थे। पहली बार फरवरी में और दूसरी बार अक्टूबर में। फरवरी 2005 के चुनाव में विजय कुमार पहली बार लखीसराय से विधायक चुने गए थे। हालांकि, अक्टूबर 2005 में वह हार गए थे। इसके बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जोरदार वापसी की। इसके बाद 2015 और 2020 का चुनाव भी उन्होंने बड़े अंतर से जीता।
विजय कुमार पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। नवंबर 2020 में उन्हें विधानसभा स्पीकर चुना गया था। अगस्त 2022 में उन्होंने महागठबंधन उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। जनवरी 2024 में जब नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई तो सरकार में उन्होंने डिप्टी सीएम बनाया गया।
2020 के विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में विजय कुमार ने अपने पास 8.93 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी। उनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस दर्ज था।
यह भी पढ़ें-- साहेबगंज विधानसभा सीट: राजू कुमार सिंह का जलवा रह पाएगा बरकरार?
विधानसभा का इतिहास
लखीसराय सीट पर 1977 से 2020 तक 11 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार बीजेपी यहां से जीती है। कांग्रेस सिर्फ एक बार ही यहां से जीत पाई है।
- 1977: कपिलदेव सिंह (जनता पार्टी)
- 1980: अश्विनी कुमार शर्मा (कांग्रेस)
- 1985: कृष्ण चंद्र प्रसाद सिंह (जनता पार्टी)
- 1990: कृष्ण चंद्र प्रसाद सिंह (जनता दल)
- 1995: यदुवंश सिंह (जनता दल)
- 2000: कृष्ण चंद्र प्रसाद सिंह (बीजेपी)
- 2005: विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी)
- 2005: फुलेना सिंह (आरजेडी)
- 2010: विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी)
- 2015: विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी)
- 2020: विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी)