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अरुणाचल पर चीन की हरकतों पर भारत सख्त, MEA ने मांग लिया जवाब

भारत के अरुणाचल प्रेदश की महिला को हिरासत में लिए जाने वाले मुद्दे पर चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर भारत ने कब्जा किया है और चीन ने इसे कभी मान्यता नहीं दी है। इस बयान पर भारत ने चीन को दो टूक जवाब दिया है।

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पेमा और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल,Photo Credit: Social Media

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एक बार फिर चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का हिस्सा बताया है। चीन ने यह बयान चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर एक भारतीय महिला के साथ बदसलूकी किए जाने वाले मामले में दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने भारत के अवैध तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है।चीन इसे दक्षिणी तिब्बत जंगनान बताता है। इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को दो टूक जवाब दिया है और भारतीय महिला को हिरासत में लिए जाने और 18 घंटे तक परेशान किए जाने के मुद्दे पर चीन से जवाब मांगा है। विदेश मंत्रालय ने चीन पर अंतरराष्ट्रीय हवाई नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है।

 

चीन के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बायन जारी किया है। उन्होंने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। चीन चाहे जितना भी इनकार करे, सच्चाई नहीं बदल सकती है।' उन्होंने कहा, 'भारत ने पेमा की हिरासत के मामले को चीन के सामने कड़े शब्दों में उठाया है। चीनी अधिकारी अब तक यह नहीं बता पाए हैं कि महिला को क्यों रोका गया। चीन के अपने नियम भी 24 घंटे तक बिना वीजा ट्रांजिट की अनुमति देते हैं, जो सभी देशों के नागरिकों पर लागू होते हैं।'

 

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क्या है पूरा मामला?

ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब चीन ने शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली एक भारतीय नागरिक पेमा को हिरासत में ले लिया। पेमा ने आरोप लगाया कि चीन ने उसे सिर्फ इसलिए हिरासत में लिया है क्योंकि उसके पासपोर्ट पर जन्म स्थान अरुणाचल प्रदेश लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया। इससे पहले भी मैं कई बार चीन से गुजर चुकी थी लेकिन ऐसा पहली बार हुआ।

 

 

 

उन्होंने कहा , 'जब मैं उनसे बात करती तो वह मेरा मजाक बनाते और कहते कि अरुणाचल चीन का हिस्सा है। मैं लंदन में रहती हूं और अब तक 58 देशों की यात्रा कर चुकी हूं। मैं जापान जाने के लिए शंघाई एयरपोर्ट से गुजर रही थी। मेरे पास वैध पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी थे लेकिन फिर भी मुझे 18 घंटों तक शंघाई में परेशान किया गया। मेरे पास इंटरनेट नहीं था और मैं किसी से मदद भी नहीं मांग सकती थी। मैं हर घंटे उनके पास जाती और नियमों के बारे में बात करती तो वह मेरी बात नहीं सुनते। अधिकारी मेरी और देखकर हंसते और कहते कि अरुणाचल भारत का हिस्सा नहीं है। कई घंटों बाद मैंने लैंडलाइन से अपने घर पर संपर्क किया। इसके बाद भारतीय अधिकारी एयरपोर्ट पर आए और उसके बाद उन्होंने मुझे खाना दिया और मुझे वहां से निकाला।' चीन की इस हरकत पर भारत ने औपचारिक कूटनीतिक विरोध भी दर्ज किया है। इसके बाद विदेश मंत्रायल ने चीन के उस बयान का भी खंडन किया, जिसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया था। 

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चीन ने क्या कहा?

चीनी विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता माओ ने कहा, 'हमें पता चला कि चीन के इमीग्रेशन अधिकारियों ने कानूनों और नियमों के हिसाब से सभी प्रक्रिया पूरी की है और संबंधित व्यक्ति के कानूनी अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा की है।' चीनी प्रवक्ता ने इसके बाद एक बार फिर चीन का दावा दोहराया और कहा कि अरुणाचल चीन का हिस्सा है। माओ ने कहा, 'जंगनान चीन का हिस्सा है। भारत की ओर से अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को चीन ने कभी मान्यता नहीं दी है।' भारतीय विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को कंट्रोल करने वाले  कई समझौतों का उल्लंघन किया है और चीनी अधिकारी अपनी इस हरकत पर अभी तक कोई जवाब नहीं दे पाए हैं। 

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