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दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों पर अत्याचार? G20 समिट का बहिष्कार करेगा अमेरिका

अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका में इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। अमेरिका का कहना है कि एक बड़ी आबादी के साथ रंगभेद हो रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

Doanld Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, Photo Credit: White House

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एलान किया है कि 2025 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका का कोई भी सरकारी अधिकारी हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के गोरे किसानों पर सरकारी अत्याचार के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अमेरिका में गोरे किसानों के साथ रंग के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों को निराधार और झूठा बताया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले एलान किया था कि वह खुद जी-20 सम्मेलन में नहीं जाएंगे। पहले वह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को भेजना चाहते थे। अब उन्होंने कहा है कि अमेरिका का कोई भी प्रतिनिधि, दक्षिण अफ्रीका में होने वाले इस सम्मलेन में का हिस्सा नहीं होगा। अब जेडी वेंस भी इस कार्यक्रम से दूरी बना सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश में गोरे किसानों के साथ हो रहे कथित अत्याचारों की वजह से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर पोस्ट भी किया है।

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डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका:-
दक्षिण अफ्रीका में G20 का आयोजन होना शर्मनाक है।  डच, फ्रेंच और जर्मन प्रवासियों के वंशजों को मारा जा रहा है, उनके साथ हिंसा हो रही है। उनकी जमीन और खेतों को जबरन छीना जा रहा है। जब तक ये मानवाधिकार उल्लंघन जारी रहेंगे, अमेरिकी सरकार का कोई अधिकारी वहां नहीं जाएगा। मैं 2026 के G20 शिखर सम्मेलन मियामी, फ्लोरिडा का इंतजार कर रहा हूं।

अमेरिका ने G20 सम्मेलन का बहिष्कार क्यों किया?

डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका में अल्पसंख्यक गोरे किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है। ट्रंप प्रशासन लंबे समय से दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर गोरे किसानों पर हमलों और उत्पीड़न को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है। हाल ही में अमेरिका ने दर्जनों किसानों को शरणार्थी के रूप में अमेरिका बसाया भी है।

डोनाल्ड ट्रंप ने यहां तक सुझाव दिया कि दक्षिण अफ्रीका को G20 समूह से पूरी तरह बाहर कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी अधिकारी इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब अमेरिका ने G20 समिट का बहिष्कार किया हो। साल की शुरुआत में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी एक बैठक का बहिष्कार किया था। 

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दक्षिण अफ्रीका ने क्या कहा है?

दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इन भेदभाव के आरोपों हैरानी जताई है। उनका कहना है कि सफेद अल्पसंख्यक शासन के खत्म होने के 30 साल बाद भी देश में सफेद लोगों का जीवन स्तर काले निवासियों से कहीं बेहतर है।  अफ्रीका, गोरों के शासन को 'अपार्थाइड' युग के नाम से जानता है। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने ट्रंप को बताया है कि गोरे किसानों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की खबरें पूरी तरह झूठी हैं। 

जी20 शिखर सम्मेलन 22-23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में होने वाला है। यह पहली बार अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने 1 दिसंबर 2024 से अपनी G20 अध्यक्षता संभाली है। यह सम्मेलन नवंबर 2025 तक चलेगा। अफ्रीका के बाद अगला सम्मेलन अमेरिका में होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने मियामी में यह कार्यक्रम प्रस्तावित किया है। 

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दक्षिण अफ्रीका में क्या हो रहा है?

दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा जमीन और किसानों की हत्याओं से जुड़ा है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि गोरे किसान हिंसक हमलों का शिकार हो रहे हैं, उनकी जमीन जबरन छीनी जा रही है। ट्रंप ने श्वेत किसानों के खिलाफ नरसंहार का दावा किया था। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इन दावों का खंडन किया है और कहा है कि यह हिंसा नस्लवादी नहीं बल्कि सामान्य अपराध है। उन्होंने बताया कि देश में सभी नस्लों के किसानों पर हमले होते हैं।

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