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दिल्ली की जहरीली हवा में मॉर्निंग वॉक करना खतरनाक, बीपी-अस्थमा के मरीज सावधान

दिल्ली में प्रदूषण की वजह से लोगों को खांसी, झुकाम, सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इस समय मॉर्निंग वॉक पर जाना खतरे से खाली नहीं है।

Morning walk

प्रीताकात्मक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

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दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर की 'श्रेणी' में है। इस समय देश की राजधानी दिल्ली में AQI 400 से 500 के बीच में है। इस समय डॉक्टर्स सलाह दे रहे हैं कि जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें। लोग स्वस्थ रहने के लिए लोग सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं। इस समय मॉर्निंग वॉक पर जाना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है।

 

प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बुजुर्ग और बच्चे है क्योंकि ये लोग सबसे पहले किसी भी प्रकार के संक्रमण की चपेट में आते हैं। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को खांसी, झुकाम, वायरल फीवर, सांस लेने में तकलीफ समेत अन्य परेशानियां हो रही हैं। हमने दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन एंड इनफेक्शन डिजीज के डॉक्टर अरविंद अग्रवाल से पूछा कि इस समय मॉर्निंग पर वॉक जाना सेहत के लिए कितना खतरनाक है? 

 

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मॉर्निंग वॉक पर जानें से होती हैं ये परेशानियां

डॉक्टर अरविंद अग्रवाल ने कहा, 'सर्दियों की सुबह बहुत ठंडी या कोहरे वाली हो तो मॉर्निंग वॉक कुछ लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। कम तापमान में हमारी नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट, बीपी और सांस की समस्या वाले लोगों पर अचानक स्ट्रेस बढ़ सकता है। कोहरे में हवा की गुणवत्ता भी खराब होती है, जो खांसी, जुकाम, अस्थमा और एलर्जी को बढ़ा देती है। इसलिए बहुत ठंड में सुबह-सुबह बाहर जाने से पहले मौसम की स्थिति देखें, हल्का वार्म-अप करें और जरूरत हो तो थोड़ी देर बाद धूप निकलने पर ही वॉक के लिए निकलें। सही समय और सही तैयारी के साथ मॉर्निंग वॉक बिल्कुल सुरक्षित और लाभकारी है।'

किन लोगों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?

सर्दियों की ठंडी सुबह में मॉर्निंग वॉक को लेकर हार्ट पेशेंट, हाई या लो BP वाले लोग, अस्थमा और सांस की बीमारी वाले मरीज, बुज़ुर्ग, डायबिटीज वाले लोग और जिनको जल्दी सर्दी-जुखाम हो जाता है, इन सभी को ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए। ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं और सांस लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए ऐसे लोग बिना वार्म-अप के, कोहरे या बहुत कम तापमान में बाहर न निकलें, और मौसम थोड़ा सामान्य होने पर ही वॉक करें।

 

अगर वॉक पर जा रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें?

अगर सर्दियों में वॉक पर जा रहे हैं, तो कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है। घर से निकलने से पहले 3–5 मिनट हल्का वार्म-अप कर लें ताकि शरीर ठंड के लिए तैयार हो जाए। सिर, कान, गला और पैरों को अच्छी तरह ढकें और आरामदायक जूते पहनें। बहुत ज्यादा ठंड होने पर थोड़ी धूप निकलने का इंतजार करें। वॉक हमेशा धीरे-धीरे शुरू करें और फिर रफ्तार बढ़ाएं, ताकि शरीर पर अचानक दबाव न पड़े। ठंडी हवा सीधे फेफड़ों में न जाए, इसलिए नाक से सांस लेने की कोशिश करें। दिल, बीपी या अस्थमा के मरीज अपनी दवा या इनहेलर साथ रखें और वॉक के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।

 

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वॉक पर जाने के लिए कौन सा समय सही है?

सर्दियों में वॉक पर जाने का सबसे सही समय सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे के बीच माना जाता है। जब धूप हल्की निकल आती है और ठंड व कोहरा कम हो जाता है। बहुत तड़के, यानी 5–7 बजे के बीच तापमान सबसे कम होता है, हवा सबसे ठंडी होती है और सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए इस समय वॉक करना कई लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। अगर सुबह का समय नहीं मिल पाता, तो शाम 4–6 बजे का समय भी अच्छा विकल्प है, जब मौसम अपेक्षिक रूप से गर्म और आरामदायक होता है।

 

 


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