logo

ट्रेंडिंग:

5 लाख देकर खरीदी AK-47, फ्रीजर का इस्तेमाल; दिल्ली ब्लास्ट की खुल रही परतें

जांच एजेंसी ने बताया है कि आरोपी मुजम्मिल ने 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम चुकाकर एक AK-47 राइफल खरीदी थी।

Delhi terror attack

NIA की हिरासत में आरोपी। Photo Credit- ANI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती कार ब्लास्ट की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। जांच कर रही एजेंसियों ने खुलासा किया है कि दिल्ली में जो 'कार ब्लास्ट' हुआ वह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय टेरर नेटवर्क का हिस्सा था। इस हमले को अंतरराष्ट्रीय हैंडलर्स ने एक बनी-बनाई चेन के जरिए समन्वय करके किया था। कार ब्लास्ट में 15 लोग मारे गए और एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।

 

यह जानलेवा हमला कार चला रहे डॉक्टर उमर नबी ने किया था। उमर के अलावा चार दूसरे मुख्य आरोपी, पुलवामा का रहने वाले डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग का डॉक्टर अदील अहमद राथर, लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन सईद और शोपियां का मुफ्ती इरफान अहमद वागे को NIA ने हिरासत में लिया है।

 

यह भी पढ़ें: एयर शो में तेजस कैसे क्रैश हो गया? डिफेंस एक्सपर्ट ने बताई वजह

5 लाख में AK-47 राइफल खरीदी

समाचार एजेंसी एएनआई ने एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया है कि आरोपी मुजम्मिल ने 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम चुकाकर एक AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में जांच के दौरान अदील के लॉकर से मिली थी। यह हथियार खरीदना जांच में एक अहम कड़ी है। इंटेलिजेंस एजेंसी के एक सूत्र ने कहा कि यह मॉड्यूल के पीछे की तैयारी और फाइनेंसिंग के लेवल को दिखाता है। बता दें कि मुजम्मिल के फरीदाबाद में स्थित ठिकाने से 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला था।

कई हैंडलर को रिपोर्ट करते थे आरोपी

सूत्रों ने आगे बताया कि इस हमले के सभी आरोपी एक अलग हैंडलर को रिपोर्ट कर रहा था। मुजम्मिल का हैंडलर अलग था, जबकि ब्लास्ट का आरोपी उमर दूसरे को रिपोर्ट कर रहा था। दो मुख्य हैंडलर, मंसूर और हाशिम, एक सीनियर हैंडलर के अंडर काम कर रहे थे, जिसके बारे में माना जाता है कि वह मॉड्यूल की पूरी एक्टिविटीज की देखरेख कर रहा था। एक अधिकारी ने कहा कि ये हैंडलर कई लेयर्स में काम कर रहे थे।

 

इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया है कि साल 2022 में, मुजम्मिल, अदील और एक और आरोपी मुजफ़्फर अहमद, ओकासा नाम के एक आदमी के कहने पर तुर्की गए थे। ओकासा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़ा है। उन्हें तुर्की में एक कॉन्टैक्ट के जरिए अफगानिस्तान भेजा जाना था। लेकिन लगभग एक हफ़्ते तक इंतजार कराने के बाद, हैंडलर पीछे हट गया।

 

यह भी पढ़ें: 8 या 12 घंटे, कितना करना होगा काम? नए कोड से कामकाजी घंटों पर क्या पड़ेगा असर

एक साथ बड़ा हमला करने की तैयारी

एजेंसियों ने पाया कि ओकासा ने मुजम्मिल से एक टेलीग्राम ID के जरिए बात की थी। मुजम्मिल द्वारा उसके हैंडलर के बारे में पूछने के बाद उनकी बातचीत और तेज हो गई। जांच अधिकारियों ने कहा कि उमर बम बनाने के वीडियो, मैनुअल और ऑनलाइन ओपन-सोर्स कंटेंट की स्टडी कर रहा था। उसने नूह से केमिकल इंग्रेडिएंट्स और भागीरथ पैलेस और फरीदाबाद के NIT मार्केट से इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदे थे।

 

उमर ने केमिकल्स को इकट्ठा करने और एक्सप्लोसिव मिक्सचर तैयार करने के लिए एक डीप फ्रीजर भी खरीदा। फ्रीजर का इस्तेमाल विस्फोटक सामान को ठीक रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। एजेंसियों ने फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर पैसों को लेकर मुजम्मिल और उमर के बीच गंभीर लड़ाई की भी पुष्टि की है, इस घटना को कई छात्रों ने देखा था। झगड़े के बाद, उमर ने अपनी लाल इकोस्पोर्ट कार, जिसमें पहले से ही एक्सप्लोसिव मटीरियल था, मुजम्मिल को दे दी।

 

इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, मॉड्यूल कई जगहों पर एक्सप्लोसिव स्टोर करने और एक साथ हमले करने की तैयारी कर रहा था।

 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap