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NIA करेगी दिल्ली ब्लास्ट की जांच, FSL टीम ने जुटाए साक्ष्य

दिल्ली ब्लास्ट के जांच की जिम्मेदारी एनआईए को दे दी गई है। सरकार ने इस मामले में रिव्यू मीटिंग किया है और संभावित टेरर लिंक का पता लगाया जाएगा।

NSG Commondo। Photo Credit: PTI

NSG कमांडो । Photo Credit: PTI

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया। इससे काफी हद तक यह जाहिर है कि सरकार इसे आंतकी कृत्य मान रही है, क्योंकि आतंकी घटनाओं की जांच एनआईए द्वारा की जाती है। इस घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं।


अब जांच का काम दिल्ली पुलिस से एनआईए को सौंपी जाएगी और एनआईए हस संभव एंगल से मामले की जांच करेगी कि घटना में किस तरह के मटीरियल का प्रयोग किया गया और इसके संभावित टेरर लिंक क्या हो सकते हैं। इससे पहले विस्फोट के बाद के जांच में एनएसजी की टीम ने फोरेंसिक साइंस लेबौरेटरी (एफएसएल) की टीम के साथ मिलकर फोरेंसिक साक्ष्यों को इकट्ठा किया था।

 

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गृह मंत्री ने की थी रिव्यू मीटिंग

घटना के तुरंत बाद गृह मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों से हाई लेवल मीटिंग सिक्युरिटी रिव्यू मीटिंग की थी। मंगलवार सुबह एक घंटे तक चली मीटिंग में गृह सचिव गोविंद मोहन, गौरव तपन डेका, एनआईए के डायरेक्टर जनरल सदानंद वसंत दाते और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर सतीश गोलचा मौजूद थे। वहीं दूसरे चरण की मीटिंग गृह मंत्रालय के कर्तव्य भवन में शुरू हुआ।

सूत्रों ने बताया कि रिव्यू मीटिंग जांच की प्रगति के साथ-साथ फरीदाबाद से हाल ही में भारी मात्रा में बरामद विस्फोटकों की ज़ब्ती पर केंद्रित थी। विस्फोट के तुरंत बाद, शाह ने सोमवार को विस्फोटकों के कारण, प्रकृति और स्रोत का पता लगाने के लिए एनआईए, एनएसजी, एफएसएल और दिल्ली पुलिस को शामिल करते हुए एक बहु-एजेंसी जांच का निर्देश दिया।

FSL ने जुटाए साक्ष्य

एफएसएल और एनआईए की एक टीम ने मंगलवार सुबह अतिरिक्त फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए विस्फोट स्थल का फिर से दौरा किया। एनआईए जल्द ही मामले में एफआईआर दर्ज करेगी और प्रक्रिया के अनुसार दिल्ली पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सभी साक्ष्यों को अपने कब्जे में ले लेगी।

सड़क पर पड़े थे कटे अंग

चश्मदीदों ने बताया कि बम धमाका इतना ज्यादा भयंकर था कि उनका दिल दहल गया और कुछ मकानों की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। एक चश्मदीद ने बताया कि उन्होंने सड़क पर फेफड़े पड़े हुए देखे इसके बाद फिर उन्होंने एसएचओ को इसकी सूचना दी। इसके बाद उन्हें सड़क पर एक कटा हुआ हाथ पड़ा दिखा। एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि आवाज इतनी तेज थी कि घर की खिड़कियां हिल गईं और आग की लपटें दूर से ही दिखनी शुरू हो गईं।

J&K और फरीदाबाद से मिला था विस्फोटक

इसके पहले जम्मू कश्मीर से 2900 किलोग्राम और फरीदाबाद से 360 किलोग्राम विस्फोटक मिला था। जम्मू कश्मीर से आईईडी बनाने के लिए 2900 किलोग्राम मटीरियल के अलावा अन्य हथियार और गोला-बारूद भी मिला था।


गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो डॉक्टर थे जिनमें से एक फरीदाबाद का था। इसी तरह से फरीदाबाद से एक डॉक्टर के घर से 360 किलो विस्फोटक, असॉल्ट राइफल और 84 कारतूस बरामद किए गए थे। इस दौरान एक कश्मीरी डॉक्टर मुजाहिल शकील को हिरासत में लिया गया था।


सभी बरामद सामानों की संख्या 48 बताई जा रही है। ऐसा बताया गया कि गिरफ्तार व्यक्ति ने यह कमरा करीब तीन महीने पहले किराए पर लिया था।

 

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गुजरात ATS ने किया था गिरफ्तार

वहीं रविवार को गुजरात एटीएस ने भी तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था जो कि देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे। इनमें से एक अहमद मोहियुद्दीन सैय्यद ने चीन से एमबीबीएस की डिग्री ली थी।


आरोपियों के पास से आधुनिक हथियारों के साथ-साथ तीन विदेशी पिस्तौल, 30 कारतूस और 4 लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया गया था। कहा जा रहा है कि वह कैस्टर ऑयल से रिसिन नाम का जहरीला पदार्थ बनाना चाह रहे थे और उसी का इस्तेमाल आतंक पैदा करने के लिए करना चाह रहे थे।

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