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दिल्ली का AQI 361 पार, बारिश की उम्मीद नहीं, प्रदूषण कैसे खत्म करेगी सरकार?

दिल्ली में शुक्रवार तक औसत AQI 322 दर्ज किया गया है। दिल्ली की हवा में अभी बदलाव के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।

Delhi AQI

दिल्ली में प्रदूषण की वजह से छाया धुंध। (Photo Credit: PTI)

दिल्ली की हवा में फैला प्रदूषण अब खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा है। शनिवार का दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 361 रहा। यह 'बेहद खराब' स्थिति है। कई मॉनिटरिंग स्टेशन पर आकंड़ा 'बेहद खराब'स्थिति में ही रहा है। कुछ जगहों पर AQI 400 पार रहा है। सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़े चिंताजनक हैं। दिल्ली के मौसम में अभी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है, बारिश के आसार भी नहीं हैं, ऐसे में प्रदूषण से जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

शाम 6 बजे तक वजीरपुर में AQI 424, बवाना में 424, विवेक विहार में 415, ITO और रोहिणी में 408 रहा। शु्क्रवार को दिल्ली का औसत AQI 322 रहा था। IITM ने मौसम पूर्वानुमान में कहा था कि दिल्ली में हवा खराब स्तर पर बनी रहेगी 9 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक कोई बदलाव नहीं नजर आ सकता है।

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दिल्ली का औसत AQI 361 

दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है। शनिवार को शहर का औसत AQI 361 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। लेकिन कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI 400 से ऊपर 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

AQI के आंकड़े जो डरा रहे हैं

  • वजीरपुर और बवाना: 424
  • विवेक विहार: 415
  • आईटीओ और रोहिणी: 408
  • लगातार खराब स्तर पर है AQI

शुक्रवार को औसत AQI 322 था। IITM ने पूर्वानुमान जताया है कि 9 से 11 नवंबर तक हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। IITM के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान 31.24 फीसदी तक रविवार को पहुंच सकता है। दिल्ली के प्रदूषण में गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का योगदान 14.25 फीसदी तक रहेगा।

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दिल्ली में क्या किया जा रहा है?

CAQM ने पंजाब और हरियाणा सरकार के साथ बैठक की है। पराली जलाने से रोकने के लिए कोशिशें की जा रहीं हैं। पंजाब में पंजाब में CAQM की टीम ने बठिंडा के लेहरा मोहब्बत थर्मल पावर प्लांट का निरीक्षण किया। प्लांट की खराब हालत और उत्सर्जन मानकों का पालन न करने पर चिंता जताई गई। संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत सुधार नहीं हुए तो प्लांट बंद करने के आदेश दिए जा सकते हैं। 7 नवंबर को पंजाब सरकार के साथ समीक्षा बैठक भी हुई है। 

पंजाब में पराली के आंकड़े क्या कह रहे हैं?

पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला 15 सितंबर से चल रहा है। 6 नवंबर तक पराली जलाने के 3284 मामले दर्ज किए गए। बीते साल यह आंकड़ा 5041 तक था। कुछ सुधार हुआ है लेकिन मुक्तसर और फाजिल्का इलाके में ऐसे मामले बढ़े हैं। हरियाणा में बीते साल यह आंकड़ा 888 था, इस साल अब तक 206 मामले दर्ज किए गए हैं। हरियाणा में सरकार ने कई प्रोत्साहन योजनाएं चलाई हैं। CAQM ने कहा है कि पंजाब में पराली जलाना पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। DPCC ने कहा है कि दिल्ली में 24 एयर मॉनिटरिंग स्टेशन काम कर रहे हैं, 99 फीसदी स्टेशन, लगातार डेटा दे रहे हैं।

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दिल्ली में क्या प्रतिबंध लागू हैं?

दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज III प्रतिबंध पहले से लागू कर दिए गए हैं। बीते साल यह 13 नवंबर से शुरू हुआ था। 

दिल्ली का हाल क्या है?

दिल्ली में स्मॉग छाया हुआ है। न्यू अशोक नगर से लेकर रोहिणी तक दिल्ली में धुंध है। यमुना घाटों पर भी धुंध छाया है। 

प्रदूषण की क्या वजह सामने आई है?

दिल्ली में पराली, ट्रांसपोर्ट और उद्योगों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। दिल्ली की हवा हर दिन खराब स्तर पर ही रह रही है। 

क्या करना चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोग मास्क पहनें, बाहर कम निकलें और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें, जिससे कम प्रदूषण फैले। 

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