भारत और चीन के रिश्ते अब सुधरने लगे हैं। इसी सिलसिले में भारत ने दो कदम आगे बढ़ाते हुए चीनी लोगों के लिए टूरिस्ट वीजा खोल दिया है। दरअसल, भारत ने इसी साल जुलाई में चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर से शुरू किया था। यह कदम भारत द्वारा जुलाई में चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीज़ा फिर से शुरू करने के चार महीने बाद आया है।
अप्रैल-मई 2020 में LAC पर टकराव शुरू होने के बाद चीनी नागरिकों के वीज़ा सस्पेंड कर दिए गए थे। गलवान घाटी में मिलिट्री टकराव और एक क्रूर झड़प, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए, ने द्विपक्षीय संबंधों को छह दशकों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया।
भारत ने इसी साल जुलाई में चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर से शुरू किया था। अप्रैल-मई 2020 में LAC सीमा के पास गलवान में दोनों सेनाओं ते बीच हुए खूनी टकराव के बाद भारत ने चीनी नागरिकों के वीजा सस्पेंड कर दिए थे। गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों में गहरी खाई पैदा हो गई थी।
यह भी पढ़ें: ओरी का ड्रग्स सिंडिकेट में आया नाम, अब होगी पूछताछ, कैसे फंस गए?
बंद उड़ानें फिर से खोली गईं
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के मुतााबिक, दुनिया भर में भारतीय दूतावासों और कॉन्सुलेट में चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा खोल दिए गए हैं। हालांकि, इस कदम के बारे में अभी कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। दरअसल, पिछले दिनों भारत और चीन ने रिश्तों को सुधारने के लिए अपने लोगों के लिए काम करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा अधिकारी ने बताया है कि 2020 की शुरुआत से दोनों तरफ से सीधी उड़ानें बंद थीं, जो इसी साल अक्टूबर में फिर से शुरू हो गई।
रिश्ते सुधारने के लिए उठाए गए कदम
इसके अलावा दोनों देशों ने इसी साल तिब्बत क्षेत्र में पवित्र जगहों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का समझौता, अलग-अलग कैटेगरी के यात्रियों के लिए वीजा की सुविधा और डिप्लोमैटिक रिश्तों की 75वीं सालगिरह मनाना शामिल है। इससे पहले, भारत ने जुलाई में चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर से शुरू कर दिया था, जिससे वे बीजिंग में भारतीय दूतावास और शंघाई, ग्वांगझू और हांगकांग में कॉन्सुलेट में अप्लाई कर सकते थे।
यह भी पढ़ें: 'एस्कॉर्ट, हत्या, सुरेंद्र कोली,' निठारी कांड से बरी पंढेर ने पहली बार क्या कहा?
डिप्लोमैटिक रिश्तों की 75वीं सालगिरह के मौके पर दोनों देशों की एम्बेसी और कॉन्सुलेट में कई कार्यक्रम आयोजित करवाए गए थे। इस सभी आयोजनों का मकसद लोगों के बीच बातचीत को आसान बनाना है। बता दें कि भारत और चीन अक्टूबर 2024 में LAC पर फ्रंटलाइन फोर्सेज को हटाने पर सहमत हुए थे। इसके बाद रूस के शहर कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें वे आपसी रिश्तों को सामान्य करने और लंबे समय से चले आ रहे बॉर्डर विवाद को सुलझाने के लिए कई तरीकों को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए।