प्रसिद्ध गीतकार, लेखक और कवि जावेद अख्तर अक्सर अपनी प्रतिक्रियाओं की वजह से चर्चा में आते हैं। राज्यसभा के सांसद रह चुके जावेद अख्तर ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है। जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर को पागल बताते हुए कहा है कि अब आर या पार की बात हो ही जानी चाहिए। महाराष्ट्र के स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा है कि सीमा पर फुलझड़ियां छोड़ने से कुछ नहीं होगा, अब सख्त ऐक्शन लेने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि क्या करना है, यह तो अजित डोवाल और अन्य नेता तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बार-बार ऐसा होता रहा है और पिछले 75 साल में ऐसा कई बार हो चुका है। जावेद अख्तर ने कश्मीरियों को निशाना बनाने वाले लोगों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 90-99 प्रतिशत कश्मीरी भारतीय हैं और वे भारत के प्रति वफादार भी हैं।
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'अब आर या पार का समय'
मुंबई के एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा, 'ऐसा सिर्फ एक बार नहीं, कई बार हुआ है...मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि अब कदम उठाए। सीमा पर कुछ पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा। अब कोई ठोस कदम उठाइए। कुछ ऐसा कीजिए कि पाकिस्तान जो पागल आर्मी चीफ है, कोई समझदार आदमी उसके जैसा भाषण न दे सके...वो कहता है कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग समुदाय हैं। उसे इस बात की भी परवाह नहीं है कि उसके देश में भी हिंदू हैं। तो क्या उनकी कोई इज्जत नहीं है? वो कैसा आदमी है? उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए ताकि वो याद रखें। इससे कम पर वह ध्यान नहीं देंगे...मुझे राजनीति के बारे में ज़्यादा नहीं पता। लेकिन इतना पता है कि अब 'आर या पार' का समय आ गया है।'
'99 प्रतिशत कश्मीरी भारत के प्रति वफादार'
जावेद अख्तर ने कहा, 'पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा, सत्ता प्रतिष्ठान, मौलवी और उसकी सेना कश्मीर के बारे में क्या कहती है कि सभी कश्मीरी दिल से पाकिस्तानी हैं और भारत ने उन पर कब्जा कर रखा है। झूठ। सच तो यह है कि जब उन्होंने 1948 में हमला किया था, तो स्थानीय कश्मीरियों ने उन्हें 3 दिन तक रोके रखा था। हमारी सेना 3 दिन बाद वहां पहुंची। सच तो यह है कि वे भारत के बिना नहीं रह सकते। आज जो कुछ हुआ है, उससे सबसे अधिक नुकसान उन्हें ही हुआ है। उनका पर्यटन, जो उनकी जीवनरेखा है, खत्म हो गया है। कश्मीरी भारतीय हैं...90-99% कश्मीरी भारत के प्रति वफादार हैं।
जो लोग यूनिवर्सिटी में किसी कश्मीरी छात्र की पिटाई करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि वे पाकिस्तानी सेना से सहमत हैं। अगर आप मसूरी में काम करने वाले या दक्षिण की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले किसी व्यक्ति को पाकिस्तानी मानते हैं, तो पाकिस्तानी मौलवी, पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा यही कहते हैं। आप केवल उसी की पुष्टि कर रहे हैं और उनके साथ मिल रहे हैं। यह गलती नहीं होनी चाहिए। भारत के किसी भी हिस्से में किसी भी कश्मीरी को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए, उन्हें बताया जाना चाहिए कि वे हमारे हैं। उन्होंने कहा, 'हम दोनों भाई हैं और कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। हम उन्हें पाकिस्तानी क्यों मानें? इससे बड़ी कोई गलती नहीं हो सकती। यह मूर्खता है।'
पहलगाम आतंकी हमला
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 टूरिस्ट मारे गए थे। आतंकियों ने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछे और कुछ को इस्लामी कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया था। शुरुआत में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बताया।