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नक्सलियों का टॉप कमांडर माड़वी हिड़मा ढेर, 1 करोड़ का था सिर पर इनाम

छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। हिडमा को सुरक्षा बल कई साल से ढूंढ रहे थे।

Madvi Hidma

माड़वी हिड़मा की यह तस्वीर 1 दशक पुरानी है। (Photo Credit: Social Media)

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आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादियों के टॉप कमांडर हिडमा को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इस एनकाउंटर में हिडमा की पत्नी राजे भी मारी गई है। हिडमा टॉप माओवादी कमांडर था, वह सुरक्षाबलों पर 26 से ज्यादा जनलेवा हमले कर चुका था। उसके सिर पर 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा गया था। उसकी मौत आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में हुई है। वह सबसे कुख्यात नक्सली था। माओवादी हिड़मा के साथ उसकी पत्नी हेमा समेत 6 नक्सली मारे गए हैं।

आंध्र प्रदेश पुलिस चीफ हरीश कुमार गुप्ता ने कहा यह मुठभेड़ करीब एक घंटे तक चली है। सुबह 6 बजे से गोलीबारी शुरू हुई थी। उन्होंने कहा, 'छह माओवादी मारे गए। मारे गए लोगों में सीनियर माओवादी कमांडर हिड़मा भी शामिल है।' दूसरे नक्सलियों के बारे  में जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि मारेडुमिली में सीनियर माओवादी नेताओं के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी।

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबल तलाश में आगे भढ़ रहे थे, तभी अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। हिड़मा, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवरथी गांव का रहने वाला था। हिड़मा की मौत, माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका है। हिडमा पर ₹1 करोड़ का इनाम था, हेमा पर ₹50 लाख और चेल्लुरी नारायण राव उर्फ ​​जांबरी पर 30 लाख का इनाम था।  

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कौन था माड़वी हिड़मा?

माड़वी हिडमा, पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का कैडर था। वह बटालियन नंबर-1 का कमांडर था। दंडाकारण्य रेंड में उसने 26 से ज्यादा हमले सुरक्षा बलों पर किया था। वह अपने किसी भी हमले में नाकाम नहीं हुआ था। छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक उसने IED प्लांट कराया था। वह अपने कुख्यात हमलों के लिए जाना जाता था। सुरक्षाबल उसे 2021 से ही ढूंढ रहे थे। 

उसकी कोई तस्वीर कई साल तक सामने नहीं आई थी। जितनी तस्वीरें हैं, सारी पुरानी हैं। 7 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी इसकी तलाशी के लिए जंगल में गई थी, बीजापुर में इसे तलाशते-तलाशते एक साथ 22 जवान मारे गए थे।  

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हिडमा सबसे दर्दनाक मौत देने के लिए बदनाम था। हर साल इस पर उस पर सरकार इनाम बढ़ाती रही है। 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम उसके सिर पर घोषित था। जवान उसे एक दशक से तलाश रहे थे। सुरक्षा बलों ने उसे आत्मसमर्पण के कई मौके दिए लेकिन वह माना नहीं। अब वह ढेर हो चुका है। वह सरकार के खिलाफ हिंसक आक्रमणों का पक्षधर रहा है। 

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