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महाराष्ट्र में बंदूक छोड़ नौकरी कर रहे 65 नक्सली, उद्योग से कैसे जुड़े

केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए भी प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार भी लगातार काम कर रही है।

nasal in Maharashtra

प्रतीकात्मक तस्वीर।

महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने 17 जुलाई को विधानसभा में एक नया बिल पास किया। यह बिल कथित अर्बन नक्सलवाद को रोकने के लिए लाया गया है। इसे 'महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल' नाम दिया गया है। इस बिल पर विपक्ष को कई आपत्तियां थीं। हालांकि, बिल पेश करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया कि इस बिल का राजनीतिक प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घोषणा करते हुए ऐलान कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर बड़े पैमाने पर इसके खात्में के लिए अभियान चला रही हैं। हालांकि, इन अभियानों के बीच केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए भी प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार भी लगातार काम कर रही है।

 

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नक्सलियों के जीवन में परिवर्तन

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गढ़चिरौली जिले में एक ऐसी परियोजना पर काम कर रही है, जिससे नक्सलियों के जीवन में परिवर्तन आएगा। दरअसल, गढ़चिरौली में हेद्री में महायुति सरकार 50 लाख टन प्रति वर्ष (MTPS) कैपरेसिटी वाले आयरन ग्राइंडिंग प्लांट के फर्स्ट फेज का उद्घाटन करने जा रही है। इसका उद्घाटन सीएम देवेंद्र फडणवीस 22 जुलाई को करेंगे। 

महाराष्ट्र की पहली चालू आयरन ओर स्लरी पाइपलाइन

इस आयरन ग्राइंडिंग प्लांट का निर्माण लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड कर रही है। इस प्रोजेक्ट का मकसद गढ़चिरौली क्षेत्र के विकास के साथ में यहां के नक्सलियों को मुख्यधारा में लाना है। बता दें कि गढ़चिरौली जिला अभी भी नक्सल प्रभावित जिला है। सीएम फडणवीस जिस आयरन ओर ग्राइंडिंग प्लांट का उद्घाटन करेंगे उसके साथ में 10 एमटीपीए क्षमता वाली स्लरी पाइपलाइन प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन करेंगे। यह स्लरी पाइपलाइन महाराष्ट्र की पहली चालू आयरन ओर स्लरी पाइपलाइन होगी। सरकार की कोशिशों के बाद राज्य में कई नक्सलियों ने प्रशासन के सामने सरेंडर किया है। सरकार इसके जरिए नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल कर रही है। 

 

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65 नक्सलियों को मिला रोजगार

दरअसल, सरकार की यह कोशिशें वामपंथी उग्रवाद से निपटने की एक रणनीति का हिस्सा है। सरकार की यह नीति नक्सलियों को वित्तीय मदद और पुनर्वास पैकेज, कानूनी और सुरक्षा प्रवधानों और मुख्यधारा के समाज में एकीकरण सहित कई तरह का समर्थन देगी। इस समय आत्मसमर्पण कर चुके 65 नक्सली आयरन ग्राइंडिंग प्लांट में काम कर रहे हैं। कंपनी ने गढ़चिरौली पुलिस की सिफारिश पर मुख्यधारा में आ चुके इन नक्सलियों को काम पर रखा है। फडणवीस सरकार ने इस पॉजिटीव खबर के बीच ही महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल पेश किया है, जिससे कि राज्य से बचा-कुचा नक्सलवाद भी खत्म किया जा सके।

 

बिल पेश करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा, 'माओवादियों ने महाराष्ट्र में अपनी पकड़ खो दी है और अब वे शहरों के युवाओं का ब्रेनवॉश करने और उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने 'अर्बन माओवाद' को लेकर कहा कि यह कानून इन पर लगाम लगाएगा

 

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