कर्नाटक में बदलेगा CM? 'सीक्रेट डील' का जिक्र कर शिवकुमार ने बढ़ाया कन्फ्यूजन
कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक बैठकें चल रही हैं। इस बीच शिवकुमार ने एक 'सीक्रेट डील' का जिक्र कर दिया है।

शिवकुमार और सिद्धारमैया। (Photo Credit: PTI/AI Generated)
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कई दिनों से सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच सियासी खींचतान चल रही है। हालांकि, दोनों ही इस खींचतान की बात को नकार रहे हैं। मगर कर्नाटक को लेकर बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक जो कुछ हो रहा है, वह इस ओर इशारा करता है कि बात अब बहुत आगे निकल चुकी है।
कई दिनों से कर्नाटक के कई कांग्रेसी विधायकों का दिल्ली आना-जाना लगा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की। इस बीच डीके शिवकुमार ने एक 'सीक्रेट डील' की बात भी छेड़ दी है।
ऐसा कहा जा रहा है कि मई 2023 में जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो एक 'पावर शेयरिंग डील' हुई थी। इसमें तय हुआ था कि पहले ढाई साल सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनेंगे। उनके बाद अगले ढाई साल शिवकुमार सीएम का पद संभालेंगे। 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं, जिसके बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या कर्नाटक में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाला है?
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सिद्धारमैया ने माना- कन्फ्यूजन है
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार को लेकर कन्फ्यूजन बढ़ता जा रहा है और सीएम सिद्धारमैया ने भी इस बात को मान लिया है। उन्होंने कर्नाटक के इस 'कन्फ्यूजन' को दूर करने की पूरी जिम्मेदारी आलाकमान पर डाल दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की। इसके बाद खड़गे ने कहा कि कर्नाटक में चेहरा बदलने का मुद्दा पब्लिक में चर्चा करने के लायक नहीं है।
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वहीं, सिद्धारमैया ने आलाकमान से 'कन्फ्यूजन' खत्म करने की बात कही है। जब उनसे शिवकुमार समर्थक विधायकों के दिल्ली जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'उन्हें जाने दीजिए। विधायकों को आजादी है। देखते हैं कि वे क्या राय देते हैं। आखिर में हाईकमान को ही फैसला लेना है। हम हाईकमान की बात मानेंगे।'
जब उनसे पूछा गया कि विधायकों ने हाईकमान से इस मामले को खत्म करने की अपील की है तो उन्होंने कहा, 'विधायक जो भी कहना चाहते हैं, उन्हें हाईकमान से कहने दीजिए। आखिर में इस कन्फ्यूजन को पूरी तरह खत्म करने के लिए हाईकमान को ही फैसला लेना है।'
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शिवकुमार ने किस 'सीक्रेट डील' की बात कही?
इस पूरी सियासी खींचतान के बीच डीके शिवकुमार ने एक 'सीक्रेट डील' की बात भी कह दी है। उन्होंने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है। यह हम 5 और 6 लोगों के बीच एक 'सीक्रेट डील' है। मैं इस पर पब्लिकली कुछ नहीं कहना चाहता। मुझे अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है। हमें अपनी अंतरात्मा से काम लेना चाहिए। मैं किसी भी तरह से पार्टी को शर्मिंदा नहीं करना चाहता और उसे कमजोर नहीं करना चाहता। अगर पार्टी है तो हम हैं। अगर कार्यकर्ता हैं तो हम हैं।'
शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पार्टी के लिए 'असेट' बताया और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर 7.5 साल पूरे कर लिए हैं।
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जब उनसे पूछा गया कि सिद्धारमैया ने अगला बजट पेश करने की बात भी कही है तो इस पर शिवकुमार ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने पहले भी विपक्ष के नेता के तौर पर काम किया है। उन्होंने पार्टी के लिए भी काम किया है और इसे बनाया है। हम सभी 2028 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।'
यह पूछे जाने पर कि क्या 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद पावर शेयरिंग को लेकर कोई डील हुई थी? इस पर शिवकुमार ने कहा, 'मैं इसके बारे में क्यों बोलूं? मीडिया ने ही तो बातें लिखी हैं।'
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पार्टी में बन चुके हैं दो गुट?
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच जिस तरह की खींचतान चल रही है, उससे अब इस बात का संकेत भी मिल रहा है कांग्रेस में अब दो गुट बन गए हैं। एक गुट सिद्धारमैया का समर्थन कर रहा है तो दूसरा गुट दावा कर रहा है कि शिवकुमार ही नए मुख्यमंत्री बनेंगे।
सिद्धारमैया के करीबी सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्हें बदलना 'आसान' नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे भी लीडरशिप का फैसला विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।
रायरेड्डी ने इस बात पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सिद्धारमैया को क्यों हटा देना चाहिए? उन्होने कहा कि 'क्या वह भ्रष्ट हैं या जनविरोधी हैं?'
कथित पावर शेयरिंग डील पर रायरेड्डी ने कहा, 'हमें पार्टी के किसी ऐसे फैसले की जानकारी नहीं है जिसमें यह कहा गया हो कि सरकार के 2.5 साल पूरे होने के बाद सिद्धारमैया को पद छोड़ना होगा। सिद्धारमैया ने 20 मई 2023 को शपथ ली थी और उससे दो दिन पहले विधायक दल की मीटिंग हुई थी। इसमें मुकाबला हुआ था, जिसमें सिद्धारमैया को बहुमत मिला था और उन्हें सीएम चुना गया था।'
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उन्होंने कहा, 'विधायक दल की बैठक में मैंने भी सिद्धारमैया को वोट दिया था। तब हममें से किसी को नहीं बताया गया था कि वह सिर्फ ढाई साल के लिए सीएम रहेंगे। अगर हमें नहीं बताया गया तो इसका मतलब है कि वह पांच साल के लिए सीएम हैं। इसलिए सीएम बदलने का सवाल ही नहीं उठता।'
रायरेड्डी ने दावा किया कि विधायक दल की मीटिंग में शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावा नहीं किया था। उन्होंने कर्नाटक में लीडरशिप के कन्फ्यूजन के लिए शिवकुमार के कुछ करीबी विधायकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'विधायक कहते हैं कि उनके नेता को सीएम बनना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही चुनाव चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिए थे।'
सिद्धारमैया के एक और करीबी मंत्री जमीर अहमद खान ने दावा किया कि वह 2028 तक सीएम पद पर बने रहेंगे और उनके बाद शिवकुमार आएंगे।
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विधायक बोले- 200% सीएम बनेंगे शिवकुमार
इस बीच दिल्ली में कर्नाटक के कुछ कांग्रेस विधायकों ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की और शिवकुमार को सीएम बनाने की मांग की। बताया जा रहा है कि रविवार को शिवकुमार समर्थक 6 विधायकों ने दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात की थी। पिछले हफ्ते 10 विधायकों ने भी हाईकमान से मुलाकात की थी। हालांकि, इसके बाद विधायकों का कहना है कि सीएम को लेकर हाईकमान फैसला लेगा।
मगदी सीट से विधायक एचसी बालकृष्ण ने कहा, 'हम कन्फ्यूजन दूर करने के लिए हाईकमान से बात करने गए थे, क्योंकि आखिरी फैसला हाईकमान को लेना है। सीएम कौन बनेगा, यह जरूरी नहीं है। मौजूदा हालात पार्टी के लिए नुकसानदायक हैं। हाईकमान को इसे खत्म करना चाहिए।'
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वहीं, रामनगर से विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया कि शिवकुमार जल्द ही सीएम बनेंगे। इकबाल हुसैन ने कहा, '200 पर्सेंट, वह जल्द ही सीएम बनेंगे। हाईकमान फैसला करेगा। जैसा कि हमारे नेता शिवकुमार ने कहा कि पावर शेयलिंग को लेकर 5-6 नेताओं के बीच एक सीक्रेट डील है तो वही 5-6 लोग इस पर फैसला करेंगे।'

क्या राहुल गांधी दूर करेंगे 'कन्फ्यूजन'?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में बेंगलुरु की यात्रा की थी। शनिवार को सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में खड़गे के साथ एक मीटिंग की थी। इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले एयरपोर्ट तक जाते समय खड़गे ने कार में ही शिवकुमार के साथ बात की थी।
बताया जा रहा है कि यह मीटिंग लगभग एक घंटे से भी ज्यादा लंबी चली थी। न्यूज एजेंसी PTI ने पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सिद्धारमैया जहां कैबिनेट फेरबदल पर जोर दे रहे थे तो वहीं शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले लीडरशिप बदलने पर फैसला करे।
अब माना जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक की सियासी खींचतान को लेकर खड़गे और राहुल गांधी के बीच एक बैठक हो सकती है।
इस संभावित मीटिंग के बारे में खड़गे से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अगर कोई मीटिंग होती है तो हम चर्चा करेंगे। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर पब्लिक में चर्चा की जाए।'
कांग्रेस में जारी सियासी खींचतान पर विपक्ष में बैठी बीजेपी को भी मौका मिल गया है। कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि अगले महीने विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले अपनी लीडरशिप की लड़ाई सुलझा ले।
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