logo

ट्रेंडिंग:

कैसे ठगे 23 करोड़? महीनेभर डिजिटल अरेस्ट रहे बुजुर्ग की आपबीती

दिल्ली में एक बैंकर से डिजिटल फ्रॉड करने वाले गिरोह ने करीब 23 करोड़ रुपये की ठगी की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Representational Picture

प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo Credit: FreePik

दिल्ली में डिजिटल फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 78 वर्षीय रिटायर्ड बैंकर नरेश मल्होत्रा अपनी पूरी जीवनभर की कमाई से हाथ धो बैठे। साइबर ठगों ने उन्हें करीब एक महीने तक तथाकथित रूप से डिजिटल अरेस्ट में रखा और डर दिखाकर लगभग 23 करोड़ रुपये हड़प लिए। जालसाजों ने खुद को मोबाइल कंपनी और मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर मल्होत्रा को आतंकवाद फंडिंग और अन्य गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। इसके बाद उनसे बैंक अकाउंट की रकम, म्यूचुअल फंड और अन्य इनवेस्टमेंट जबरन तुड़वाकर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करावा लिया।

 

दिल्ली पुलिस की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अब तक करीब 2.67 करोड़ रुपये कई खातों में फ्रीज किए गए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने रकम को छिपाने के लिए देशभर में करीब 4,000 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मल्होत्रा को एक महीने से ज्यादा समय तक 'डिजिटल अरेस्ट' में उन्हीं के घर में कैद करके रखा गया था।

 

यह भी पढ़ें: BSP में शामिल होंगे आजम खान? जवाब से बढ़ जाएगी अखिलेश यादव की चिंता

क्या है पूरा मामला?

बैंकर नरेश मल्होत्रा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, '1 अगस्त को उनके पास एक शख्स का फोन आया, जिसने खुद को मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनका आधार कार्ड मुंबई में टेरर फंडिंग केस से जुड़ा हुआ है। मल्होत्रा ने बताया कि फिर उस आदमी ने मुझसे कहा, इस मामले में मुंबई पुलिस से बात करनी होगी। अगर पुलिस मान जाती है तो कनेक्शन चालू रहेगा, वरना इसे बंद कर दिया जाएगा और मामला दर्ज हो जाएगा।' 

 

मल्होत्रा ने बताचीत के दौरान बताया, 'इसके बाद उन्हें कुछ लोग मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करने लगे और बार-बार यही कह रहे थे कि उनका आधार कार्ड आतंकी गतिविधियों और गंभीर अपराधों में इस्तेमाल हुआ है।'

 

मल्होत्रा ने कहा, 'उन्होंने मुझे चेतावनी दी कि यह बात किसी से साझा न करूं और मेरे बैंक बैलेंस और जमा रकम के बारे में पूछताछ शुरू कर दिए। मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे बैंक खाते में कितना पैसा है, तो मैंने कहा लगभग 14 लाख हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं यह रकम उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दूं और आश्वासन दिया कि यह सिर्फ वेरिफिकेशन के लिए है।'

 

उन्होंने बताया कि हर ट्रांजैक्शन के बाद ठगों ने उन्हें फर्जी आरबीआई सर्टिफिकेट भी भेजे और कहा कि आरबीआई के नोडल अधिकारी उनसे संपर्क करेंगे और उनका पैसा बाद में वापस कर दिया जाएगा।

 

लेकिन पहला ट्रांजैक्शन होते ही ठगों की लालच बढ़ गई। उन्होंने मल्होत्रा से उनकी म्यूचुअल फंड, SIP और अन्य निवेशों के बारे में पूछना शुरू कर दिया। मल्होत्रा ने बताया कि 'उन लोगों ने मुझसे कहा,  पहले मेरी कुल संपत्ति का 25% वेरिफाई करेंगे और फिर बाकी रकम देखेंगे। धमकी दी कि अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी तो मेरे परिवार को भी टेरर केस में सह-अभियुक्त बना देंगे।' दबाव और लगातार निगरानी में मल्होत्रा ने तीन अलग-अलग बैंकों से अपने निवेश तोड़े और ठगों के बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर कर दी। मल्होत्रा ने बताया कि हर बार उन्हें नए फर्जी आरबीआई सर्टिफिकेट दिए जाते थे। यह सिलसिला 1 अगस्त से 4 सितंबर तक चला।

 

यह भी पढ़ें: '900 साल में हिंदुओं की आबादी 30 करोड़ कैसे घट गई?' CM योगी का सवाल

 

14 सितंबर को फर्जी ठगों ने उनसे कहा कि अब 5 करोड़ रुपये और ट्रांसफर करने होंगे। मल्होत्रा ने बताया कि 'उन लोगों ने कहा कि यह आखिरी स्टेप है और अब सुप्रीम कोर्ट खुद इस केस को मॉनिटर कर रहा है। मैंने मना कर दिया और कहा कि रकम सीधे सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दूंगा। साथ ही मैंने यह भी कहा कि मैं हौज खास थाने जाकर सरेंडर कर दूंगा।' मल्होत्रा ने बताया कि इसके बाद कॉल आना बंद हो गई। कुछ दिन बाद उन्हें अहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं और उनकी पूरी जीवनभर की कमाई चली गई है।

दिल्ली पुलिस की जांच शुरू

मामले की रिपोर्ट के बाद, दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने जांच शुरू की। पुलिस ने अब तक करीब 2.67 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं। जांच अधिकारी ने बताया, 'पैसे की जांच में पता चला कि रकम कई अलग-अलग खातों में घुमाई गई और देशभर के अलग-अलग कोनों से निकाली गई, जिससे पकड़ में न आए। उन्होने बताया कि लगभग 4,000 अलग-अलग खातों के जरिए यह पैसा निकाला गया है।'

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap