समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इस दौरान सीतापुर जेल के बाहर हजारों समर्थक जमा हो गए। उनके बेटे अदीब खान भी उनका स्वागत करने के लिए जेल के बाहर मौजूद थे।
77 साल के आजम खान को पिछले हफ्ते एमपी-एमएलए कोर्ट ने रोड ब्लॉक करने और पब्लिक प्रॉप्रर्टी को नुकसान पहुंचाने से संबंधित मामले में जमानत दे दी थी। मामला 2008 का छाजलेट पुलिस स्टेशन का है जब पुलिस ने उनकी कार से हूटर हटा दिया था। इसके बाद कथित तौर पर आज़म खान और उनके समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया था और दौरान हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था।
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क्या बसपा में शामिल होंगे?
इस दौरान जेल से रिहा होने पर आजम खान से बीएसपी में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि यह तो वही लोग बता पाएंगे जो लोग अनुमान लगा रहे हैं। आगे उन्होंने कहा, 'पांच सालों से मैं जेल में था इस दौरान न किसी से मिलना हुआ और न ही फोन पर किसी से बात हुई, तो इस दौरान सबसे आउट ऑफ टच रहा, बाहर की दुनिया के बारे में कुछ पता ही नहीं है।'
अखिलेश यादव से बात करने को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तो जेल से बाहर निकला हूं और जो बात वह कह रहे हैं उसमें मैं क्या कह सकता हूं। बदले की राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि बदला वहां होता है जहां पर किसी के साथ बुरा किया हो जबकि मेरी कलम से किसी का बुरा कभी हुआ ही नहीं।
दो मामलों में मिली थी जमानत
आजम खान को 18 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्वालिटी बार लैंड ग्रैब मामले में एक जमानत दी थी। इस मामले में रामपुर के सिविल लाइन्स थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसके बाद खान ने जमानते के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दी थी।
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ऐसे ही 10 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर के डूंगरपुर कॉलोनी से लोगों को खाली करवाने संबंधी मामले में भी हाई कोर्ट ने जमानत दी थी। पिछले कई सालों में आजम खान के ऊपर 16 मामले दर्ज किए गए थे.