देश भर में वोटर लिस्ट की सफाई के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की प्रक्रिया चल रही है। पिछले महीने चुनाव आयोग ने 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का एलान किया था। मगर असम में अगले साल चुनाव होने के बाद SIR का एलान नहीं किया गया था। अब चुनाव आयोग ने असम में भी इसकी घोषणा कर दी है। हालांकि, यहां बाकी राज्यों की तरह स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) नहीं होगा, बल्कि यहां 'स्पेशल रिविजन' होगा।
असम के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि स्पेशल रिविजन में 1 जनवरी 2026 की तारीख को आधार माना जाएगा। इसका मतलब हुआ कि 1 जनवरी 2026 तक जो भी व्यक्ति 18 साल की उम्र को पार कर चुका होगा, उसे वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
SIR की प्रक्रिया सबसे पहले बिहार में हुई थी। इसके बाद अक्टूबर में चुनाव आयोग ने 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में भी SIR करने का एलान किया था। दूसरे चरण में जहां-जहां SIR हो रहा है, उनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल है।
हालांकि, अगले साल असम में भी चुनाव हैं और SIR नहीं कराए जाने पर सवाल उठे थे। इस पर चुनाव आयोग ने कहा था कि असम में नागरिकता कानून के प्रावधान अलग हैं, इसलिए वहां के लिए अलग से आदेश जारी किया जाएगा। अब असम में भी वोटर लिस्ट का 'स्पेशल रिविजन' होगा और यह बाकी राज्यों में हो रहे SIR से अलग होगा।
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असम की 'स्पेशल रिविजन' SIR से कैसे अलग?
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि 'स्पेशल रिविजन' सालाना स्पेशल समरी रिविजन और SIR के बीच की प्रक्रिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह स्पेशल समरी रिविजन का ही अपग्रेडेड रूप है। इसमें एन्युमरेशन फॉर्म की बजाय बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर जाकर पहले से भरे हुए रजिस्टर पर वोटर्स का वेरिफिकेशन करेंगे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे असम के सभी पात्र वोटर्स शामिल हो सकेंगे।
SIR की बजाय स्पेशल रिविजन क्यों? इस पर चुनाव अधिकारी ने बताया कि असम में नागरिकता के लिए विशेष प्रावधान हैं। नागरिकता का वेरिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है, जो अभी फाइनल स्टेज में है। इसलिए SIR की बजाय यहां स्पेशल रिविजन करवाया जा रहा है।
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असम में कैसे होगी यह प्रक्रिया?
असम में घर-घर जाकर वोटरों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया 22 नवंबर से शुरू होगी, जो 20 दिसंबर तक चलेगी। इसके लिए BLO को एक रजिस्टर दिया जाएगा, जिसमें पहले से ही पात्र वोटर्स के नाम होंगे। घर-घर जाकर लोगों से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।
फिर फर्जी या नकली वोटरों की पहचान कैसे होगी? इसके लिए अधिकारियों ने बताया कि असम में जो भी फर्जी या नकली वोटर्स हैं या जिनकी पहचान पर शक है, उनके नाम रजिस्टर में नहीं लिखे हैं।
घर-घर जाकर वेरिफिकेशन होने के बाद 27 दिसंबर को ड्राफ्ट लिस्ट जारी की जाएगी। इसके बाद 10 फरवरी 2026 को फाइनल लिस्ट जारी होगी।