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SIR के बीच पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने ममता को दे दी सलाह, घबराहट में न दें बयान

पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया पर बवाल जारी है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घबराहट में बयान ना देने की सलाह दी है।

Governor CV Anand Bose

राज्यपाल सीवी आनंद बोस, Photo Credit: PTI

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पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम चल रहा है। इस प्रक्रिया को लेकर बंगाल की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया में जल्बाजी का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं। एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के आत्महत्या करने के मामले सामने आए हैं। इन सुसाइड के लिए ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को दोषी ठहराया है। इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बीएलओ की आत्महत्या के मामले की जांच की बात कही। 

 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बीएलओ शांति मुनि एक्का की कथित आत्महत्या केस की डिटेल में जांच करने की बात कही है। ममता बनर्जी ने 19 नवंबर को शांति की मौत पर दुख जाहिर करते हुए लिखा था कि इस मौत का जिम्मेदार चुनाव आयोग है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर 3 साल की लंबी प्रोसेस को सिर्फ दो महीने में पूरा करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। 

 

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क्या बोले राज्यपाल?

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्यपाल के रूप में तीन साल पूरे होने के मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'ऐसी स्थिति में बिना सोचे समझे प्रतिक्रिया देना सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने जो भी कहा है उसकी जांच होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि हमारे पास चुनाव आयोग है जो इस प्रक्रिया को करवा रहा है। इन सभी मुद्दों की जांच की जानी चाहिए। इस देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का होना जरूरी है।' जब राज्यपाल सीवी आनंद बोस से घुसपैठियों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैं खुद सीमा पर जाऊंगा और स्थिति का जायजा लूंगा। इससे पहले मैं इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझता।'

टीएमसी करेगी मीटिंग

राज्यपाल ने राज्य में मचे सियासी हंगामे पर टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार चुनाव आयोग के बीच बातचीत की सलाह दी। उन्होंने कहा, 'मैं सभी को घबराहट में बयान देने से बचने की सलाह देता हूं। मुझे यकीन है कि हमारे संविधान में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए उचित प्रावधान हैं। इस समस्या का हल करने के लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच बातचीत होनी चाहिए। एक राज्यपाल के रूप में मेरा काम है कि मैं दोनों के बीच पुल के रूप में काम करूं और मैं अपना काम करूंगा।' वहीं तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर गंभीरता से रणनीति तैयार कर रही है। 24 नवंबर को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी की अध्यक्षता में एक मीटिंग होगी। इसमें एसआईआर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।

दो बीएलओ ने किया सुसाइड 

पश्चिम बंगाल में एसआईआर का काम कर रहे दो बीएलओ ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। नदिया जिले में रिंकू तरफदार ने एसआईआर से जुड़े काम के दबाव के कारण आत्महत्या की है। ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा था कि रिंकू ने अपने सुसाइड नोट में इस बात को लेकर चिंता जताई थी कि अगर वह अपना काम नहीं कर पाए तो उन पर प्रशासनिक दबाव आएगा। इसके अलावा जलपाईगुड़ी जिले में शांति मुनि एक्का नाम की एक महिला बीएलओ ने भी आत्महत्या की थी। इस मामले में पुलिस ने बताया थि कि शांति मुनि अक्का ने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मैं प्रेशर नहीं झेल सकती।'

12 राज्यों में जारी एसआईआर प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया की घोषणा की है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। पश्चिम बंगाल समेत उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में यह प्रक्रिया जारी है।


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