नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि भारत में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन नौकरियों के बढ़ने के जैसे वेतन नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास वैश्विक जनसंख्या के संदर्भ में एक बड़ा अवसर है और इस अवसर का लाभ उठाने के लिए शिक्षा और ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार करना जरूरी है।
विरमानी ने बताया कि पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आंकड़ों से साफ होता है कि पिछले सात सालों में वर्कर-पॉपुलेशन रेश्यो में बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब ये है कि रोजगार के अवसर जनसंख्या बढ़ोतरी से ज्यादा दर से बढ़ रहे हैं। हालांकि, इसमें कुछ उतार-चढ़ाव रहे हैं जो सकारात्मक है। इसलिए यह कहना गलत होगा कि भारत में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं।
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PLFS की सालाना रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, सभी उम्र के लोगों के लिए वर्कर-पॉपुलेशन अनुपात 2017-18 में 34.7% था, जो 2023-24 में बढ़कर 43.7% हो गया। यह स्पष्ट करता है कि श्रम बाजार में अधिक लोग शामिल हो रहे हैं।
वेतन बढ़ोतरी और स्किल्स के विकास की जरूरत
विरमानी ने बताया कि Casual workers यानि वो लोग जो कम समय के लिए काम पर रखे गए हैं, उनमें वेतन वृद्धि हुई है और उनकी स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हुई है। हालांकि रेगुलर वेतन वाले नौकरियों में सैलरी नहीं बढ़ी है।
उनके अनुसार, इसका मुख्य कारण स्किल्स की कमी है। भारत में स्किल्ड नौकरियों की भर्ती कम हो रही है, जिससे वेतन में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने अन्य देशों के आंकड़ों पर स्टडी करने के बाद यह बताया कि जब स्किल्स का स्तर बढ़ता है, तो उत्पादकता में सुधार होता है और वास्तविक वेतन बढ़ता है। यही बात भारत में भी लागू होती है। इसलिए केंद्र सरकार को ही नहीं, बल्कि राज्य और जिले के स्तर पर भी स्किल्स के विकास के लिए काम करने की आवश्यकता है।
शिक्षा और ट्रेनिंग में सुधार की जरूरत
विरमानी का मानना है कि स्किल्स का विकास केवल काम कर रहे लोगों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि नई पीढ़ी को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, भारत में कई स्तरों पर शिक्षा और स्किल्स में सुधार की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं और उनके लिए अलग तरह की स्किल्स की पढ़ाई जरूरी है। स्किल्स का विकास सिर्फ AI या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर बनने के लिए ही नहीं, बल्कि हर प्रकार की नौकरियों के लिए जरूरी है।
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भारत के लिए वैश्विक अवसर
विरमानी ने कहा कि भारत के पास बड़ी जनसंख्या होने के अवसर को भुनाने का समय है। इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता, सिखाने की प्रक्रिया और ट्रेनिंग में सुधार लाने की जरूरत है, ताकि देश अच्छे आमदनी वाले स्तर तक पहुंच सके।