भारत और अमेरिका के बीच भी अब ट्रेड वॉर शुरू होने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए टैरिफ को लेकर भारत की जवाबी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इस पूरे मामले को लेकर भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) का रुख किया था। WTO के इस मामले पर भेजे गए नोटिस को अमेरिका ने खारिज कर दिया है और साफ किया है कि वह इसे लेकर भारत से कोई बात नहीं करेगा।


भारत ने यह नोटिस अमेरिका के 10 फरवरी के फैसले के खिलाफ दिया था, जिसमें उसने स्टील और एल्युमिनियनम के आयात पर 25% टैरिफ लगाने को कहा था। हालांकि, अब ट्रंप ने 30 मई को इस टैरिफ को और बढ़ाकर 50% कर दिया है। स्टील और एल्युमिनियम पर यह 50% टैरिफ 4 जून से लागू होगा।


इससे पहले 9 मई को भारत ने WTO को बताया था कि वह 8 जून से अमेरिका को दी गई रियायतों को निलंबित कर सकता है।

 

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अमेरिका ने क्या कहा?

भारत के नोटिस पर अमेरिका ने 22 मई को WTO को अपना जवाब भेजा। अमेरिका ने दावा किया कि भारत का प्रस्तावित टैरिफ मल्टीलेटर ट्रेड रूल्स के हिसाब से नहीं है। 


अमेरिका ने कहा कि स्टील और एल्युमिनियम पर अमेरिकी टैरिफ 'सुरक्षा उपाय' नहीं थे। अमरिका ने दावा किया है कि नियमों के तहत रियायतों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है, क्योंकि टैरिफ सुरक्षा उपाय नहीं हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने इस मुद्दे पर भारत से बातचीत करने को भी मना कर दिया है।

 

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भारत पर क्या पड़ सकता है असर?

ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ाकर 50% कर दिया है। इससे भारत पर बड़ा असर पड़ सकता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 4.56 अरब डॉलर का आयरन, स्टील और एल्युमिनियम का एक्सपोर्ट किया था। अब अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातकों पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है।


उन्होंने कहा, भारत ने पहले ही WTO में एक औपचारिक नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उसने स्टील पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में अमेरिकी इम्पोर्ट पर जवाबी टैरिफ लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि टैरिफ को दोगुना करने के बाद अब देखना बाकी है कि क्या भारत एक महीने के भीतर कुछ अमेरिकी इम्पोर्ट पर टैरिफ बढ़ाता है या नहीं।