भारत और न्यूजीलैंड के बीच सोमवार को एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस समझौते के चलते भारत से न्यूजीलैंड जाने वाले सभी उत्पादों पर निर्यात के लिए कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसी तरह न्यूजीलैंड से भारत आने वाली ज्यादातर चीजों पर भी कोई इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी। नतीजा यह होगा कि दोनों देशों के कारोबारियों को अपना व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस समझौते पर अगले 3 महीने में दस्तखत हो जाने की संभावना है और अगर ऐसा हो जाता है तो 2026 में इसे लागू भी कर दिया जाएगा। 

 

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने X पर पोस्ट करके बताया है कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है। लक्सन का कहना है कि इस डील से न्यूजीलैंड के लोगों के लिए नौकरियां पैदा होंगी और उन्हें काम के बदले ज्यादा पैसे मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि आने वाले समय में न्यूजीलैंड से भारत को होने वाला निर्यात 1.1 बिलियन डॉलर प्रति साल से बढ़कर 1.3 बिलियन डॉलर प्रति साल तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत के कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यह डील दोनों देशों के हित में है। उन्होंने इस डील के फायदे बताते हुए कहा है, 'इस डील से भारत के फार्मा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही साथ भारत के स्टू़डेंट्स और प्रोफेशनल्स के लिए भी बेहतर मौके बनेंगे।'

 

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इसी साल मार्च के महीने में दोनों देशों के बीच FTA को लेकर बातचीत शुरू हुई थी और सिर्फ 9 महीने में ही इस डील पर सहमित बन गई है। इससे पहले लगभग एक दशक से दोनों देशों के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं हो पा रहा था। बता दें कि भारत ने इस साल तीसरा FTA किया है। इससे पहले इसी तरह की सहमति भारत ने यूनाइटेड किंगडम और ओमान से भी बनाई थी। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन से भी भारत की बातचीत जारी है।


भारत और न्यूजीलैंड के व्यापार संबंध कैसे रहे हैं?

 

पिछले 6 साल का डेटा देखें तो समझ आता है कि दोनों देशों के बीच का व्यापार एक समय पर काफी गिर गया था। साल 2019 में दोनों देशों के बीच कुल 1766 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था जो लगातार गिरता रहा और 2022 में सिर्फ 1221.2 मिलियन डॉलर पहुंच गया। 2024 में इसमें थोड़ा इजाफा हुआ और 2025 में यह कारोबार 2104 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

 

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अब न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन का कहना है कि न्यूजीलैंड से भारत आने वाले 95 पर्सेंट उत्पादों पर टैरिफ या तो घटाया जाएगा या शून्य कर दिया जाएगा। इसका नतीजा यह होगा कि भारत के लोग न्यूजीलैंड से जो चीजें खरीदेंगे, वे सस्ती मिलेंगी। भारत को उम्मीद है कि इस डील के बाद दोनों देशों के बीच जितना कारोबार अभी हो रहा है, वह अगले पांच साल में दोगुना हो सकता है और न्यूजीलैंड की तरफ से अगले 15 साल में भारत में लगभग 20 बिलियन डॉलर का निवेश भी आ सकता है।


डील की खास बातें क्या हैं?

 

इस डील से उन सेक्टर को खास मदद मिलेगी जो मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित हैं। उदाहरण के लिए- इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, मशीनरी, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक, केमिकल और फार्मास्युटिकल। 

अगले 15 साल में न्यूजीलैंड, भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश मुख्य तौर पर मैन्युफैक्चरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए किया जाएगा जिससे भारत के लोगों को काम मिलेगा।

दोनों देशों के किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। भारत, न्यूजीलैंड से ताजे फल मंगाता है और अपने यहां से मसाले, दालें, प्रोसेस्ड फूड आदि भेजता है। ऐसे में दोनों देशों के किसानों के लिए बेहतर मौके बन सकते हैं।

न्यूजीलैंड में कुल 118 सर्विस सेक्टर में भारत को मार्केट ऐक्सेस और 139 सर्विस सेक्टर में भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने का वादा किया है। इसके बदले में भारत न्यूजीलैंड को 106 सर्विस सेक्टर का मार्केट ऐक्सेस और 45 सेक्टर में मोस्टर फेवर्ड नेशन का दर्जा देगा। 

 

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पहली बार न्यूजीलैंड ने किसी देश के साथ स्टू़डेंट मोबिलिटी और पोस्ट स्टडी वर्क वीजा पर समझौता किया है। इसके तहत भारत के स्टूडेंट्स न्यूजीलैंड में पढ़ाई करते समय भी 20 घंटे काम कर सकेंगे और इस पर कोई लिमिट नहीं लगाई जाएगी। जब उनकी पढ़ाई पूरी हो जाएगी तब उन्हें वर्क वीजा मिल जाएगा जो कि 3 साल के लिए मान्य रहेगा। यह वीजा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए 3 साल और फिर डॉक्टरल डिग्री वालों के लिए 4 साल तक मान्य रहेगा।

 

 

 

 

न्यूजीलैंड 5000 भारतीय युवाओं को टेंपरेरी एम्पलॉयमेंट एंट्री वीजा देगा ताकि वे 3 साल तक न्यूजीलैंड में रह सकें और अपनी स्किल के मुताबिक काम कर सकें। इसमें आयुष प्रैक्टिशनर, योग प्रशिक्षक, भारतीय शेफ, म्यूजिक टीचर जैसे प्रोफेशनल्स को वीजा मिलेगा।

 

भारत से न्यूजीलैंड क्या-क्या जाता है?

 

अप्रैल 2025 के अक्तूबर 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत से न्यूजीलैंड के लिए सबसे ज्यादा निर्यात दवाओं के फॉर्मूले, पेट्रोलियम उत्पाद, कॉटन फैब्रिक, गाड़ियों और रेडीमेड कपड़ों का किया जाता है।

ऐसे में भारत की फार्मा कंपनियों, पेट्रोलियम कंपनियों, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और कपड़ों से जुड़े कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है।

न्यूजीलैंड से भारत क्या आता है?

 

वहीं, भारत न्यूजीलैंड से सबसे ज्यादा आयात ताजे फलों, लोहा और स्टील, लकड़ी से बने उत्पाद, कोयला, कच्चे धागों और डेयरी उत्पादों का आयात करता है। इसी तरह न्यूजीलैंड के उन कारोबारियों के लिए भारत में बेहतर मौके पैदा होंगे जो ताजे फलों, डेयरी प्रोडक्ट, आयरन-स्टील और लकड़ी के प्रोडक्ट्स में डील करते हैं।