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स्किल इंडिया मिशन में CAG रिपोर्ट ने किया गड़बड़ी का दावा, सरकार ने दी सफाई

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने स्किल इंडिया मिशन में गड़बड़ी होने की बात कही है। योजना का लक्ष्य था 1.32 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट देना।

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प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

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देश के युवाओं को नौकरी के लिए तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) अब जांच के घेरे में है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने गुरुवार को संसद में पेश की अपनी रिपोर्ट में इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई हैं।

 

यह योजना 2015 में शुरू हुई थी। इसका मकसद बेरोजगार युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर नौकरी दिलाना था। 2015 से 2022 तक तीन चरणों में चली इस योजना पर सरकार ने कुल 14,450 करोड़ रुपये खर्च किए। योजना का लक्ष्य था 1.32 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट देना।

 

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CAG ने क्या-क्या गड़बड़ियां पकड़ीं?

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में स्किल इंडिया मिशन के तहत कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। सबसे बड़ी समस्या बैंक अकाउंट डेटा में थी, जहां स्किल इंडिया पोर्टल पर पंजीकृत 95 लाख से अधिक लोगों के डेटा में से करीब 94.5% (लगभग 90 लाख) लोगों के बैंक खाता नंबर या तो खाली थे, या उनमें '0000', 'N/A', 'NULL' जैसी गैर-वैध जानकारी भरी गई थी। बचे हुए मामलों में भी 12,122 बैंक खाता नंबर बार-बार दोहराए गए थे, जबकि कुछ अकाउंट नंबर बेहद संदिग्ध थे, जैसे 11111111111, 1234567890 या सिर्फ नाम, पता और स्पेशल कैरेक्टर।

 

इससे यह सत्यापित करना असंभव हो गया कि प्रशिक्षण वास्तव में असली लाभार्थियों ने लिया था या नहीं। इसके अलावा, योजना के तहत प्रशिक्षण पूरा करने वाले 34 लाख से अधिक प्रमाणित युवाओं को अभी तक उनका प्लेसमेंट बोनस या रिवॉर्ड नहीं मिला है। कई राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि) में एक ही फोटो कई अलग-अलग युवाओं के लिए इस्तेमाल की गई थी। ऑनलाइन सर्वे में भी गड़बड़ी पाई गई 36% ईमेल बाउंस हो गए और जिन 171 लोगों ने रिप्लाई किया, उनमें से 131 का ईमेल एक ही ट्रेनिंग सेंटर का था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कई ट्रेनिंग सेंटर बंद हो चुके थे, फिर भी उनके नाम पर प्रशिक्षण दिखाया जा रहा था।

सरकार का जवाब क्या है?

सरकार ने कहा है कि योजना की शुरुआत में बैंक अकाउंट नंबर देना जरूरी था, लेकिन बाद में ग्राउंड लेवल पर दिक्कत आने पर इसे हटा दिया गया। अब पैसे सीधे आधार से लिंक बैंक अकाउंट में जाते हैं। सरकार ने यह भी कहा कि पुरानी गलतियों से सीखकर अब योजना को और मजबूत कर दिया गया है।

 

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अब इसमें आधार से ई-केवाईसी, फेस ऑथेंटिकेशन, जियो-टैग्ड अटेंडेंस, लाइव डैशबोर्ड, स्किल इंडिया डिजिटल हब, जैसे नए सिस्टम लगाए गए हैं। हालांकि, CAG की रिपोर्ट ने PMKVY में बड़े पैमाने पर लापरवाही और फर्जीवाड़े की ओर इशारा किया है, लेकिन सरकार का कहना है कि अब नई व्यवस्थाओं से ऐसी गड़बड़ियां नहीं होंगी।


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