पूरे भारत के लोगों के लिए अच्छी खबर है। 1 जनवरी 2026 से कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के दाम कम हो जाएंगे। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने गैस ट्रांसपोर्टेशन टैरिफ को आसान बनाने का फैसला किया है। इससे उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा।
पीएनजीआरबी के सदस्य एके तिवारी ने एक इंटरव्यू में बताया कि नई यूनिफाइड टैरिफ व्यवस्था से लोगों को 2 से 3 रुपये प्रति यूनिट की बचत होगी। यह बचत राज्य और लगने वाले टैक्स पर निर्भर करेगी। पहले की व्यवस्था में टैरिफ को तीन जोन में बांटा गया था। 200 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 42 रुपये, 300 से 1200 किलोमीटर के लिए 80 रुपये और 1200 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए 107 रुपये प्रति यूनिट था। अब जोन की संख्या घटाकर दो कर दी गई है।
टैरिफ को बनाया जाएगा आसान
तिवारी ने कहा, 'हमने टैरिफ को आसान बनाया है। अब दो जोन होंगे और पहला जोन पूरे भारत में सीएनजी और घरेलू पीएनजी ग्राहकों के लिए लागू होगा।' जोन-1 की नई दर 54 रुपये प्रति एमएमबीटीयू तय की गई है, जो पहले के 80 और 107 रुपये से काफी कम है।
यह नया नियम भारत के 312 भौगोलिक क्षेत्रों में काम करने वाली 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) कंपनियों के ग्राहकों को फायदा देगा। तिवारी जी ने बताया, 'इससे ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सीएनजी इस्तेमाल करने वाले और घरों में रसोई के लिए पीएनजी इस्तेमाल करने वाले लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।'
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पीएनजीआरबी ने कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि इस टैरिफ की बचत को जरूर ग्राहकों तक पहुंचाया जाए। बोर्ड इसकी निगरानी भी करेगा। तिवारी जी ने कहा, 'हमारा काम उपभोक्ताओं और कंपनियों दोनों के हितों का संतुलन बनाना है।'
दिए गए हैं लाइसेंस
सीएनजी और पीएनजी के ढांचे को बढ़ाने की बात पर तिवारी जी ने बताया कि पूरे देश को कवर करने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। इसमें सरकारी कंपनियां, प्राइवेट कंपनियां और जॉइंट वेंचर शामिल हैं।
पीएनजीआरबी राज्य सरकारों से बात करके सीजीडी कंपनियों की मदद कर रहा है। इससे कई राज्यों में वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम हुआ है और परमिशन की प्रक्रिया आसान हुई है। तिवारी जी ने कहा, 'हम सिर्फ रेगुलेटर नहीं, बल्कि मदद करने वाले की भूमिका में भी हैं।'
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सरकार का लक्ष्य है कि सीएनजी और घरेलू पीएनजी के लिए सब्सिडी वाली और आसान कीमत वाली गैस मिले। इससे पूरे देश में नेचुरल गैस का इस्तेमाल बढ़ेगा। सीजीडी सेक्टर को भारत में नेचुरल गैस की खपत बढ़ाने का मुख्य ड्राइवर माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह बदलाव क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देगा और लोगों की जेब पर बोझ भी कम होगा।