पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अक्सर खराब वजहों से चर्चा में रही है। कभी महंगाई की वजह से वहां की बदहाली सुर्खियों में रहती है, कभी किसी नए देश से कर्ज लेने की कोशिश। पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था के लिए इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMD) पर भी निर्भर है। भारत चाहता है कि पाकिस्तान को मिलने वाली फंडिंग रोकी जाए क्योंकि यह देश, आतंकियों को भारत के खिलाफ पाल-पोष रहा है। IMF पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का कर्ज फिर पाकिस्तान को देने वाला है, जिसका विरोध भारत कर रहा है।
भारत की चिंता है कि इसका इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में कर सकता है। 9 मई को पाकिस्तान को दिए जा रहे कर्ज का रिव्यू IMF में होने वाला है। कर्ज भरोसे चल रही पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था काम कैसे करती है, पाकिस्तान में बिकता क्या है, पाकिस्तान खरीदता क्या है, आइए इन सवालों के जवाब तलाशते हैं।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक नजर में
पाकिस्तान साल 2023 तक दुनिया के कुल 195 देशों की तुलना में GDP के हिसाब से 45वां देश था। एक्सपोर्ट के मामले में यह दुनिया का 66वां बड़ा देश है। साल 2023 में इकोनॉमिक कम्प्लेक्सिटी इंडेक्स में पाकिस्तान 96 देशों की लिस्ट में 80वें नंबर पर था। पाकिस्तान आर्थिक संकट के बाद भी अर्थव्यवस्था के स्तर पर बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से ज्यादा स्थिर देश है। ऐसा तब है, जब देश के कई हिस्से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। अफगान विद्रोहियों से लेकर बलूच तक, पाकिस्तान हर मोर्चे पर संकट का सामना कर रहा है।
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पाकिस्तान बेचता क्या है?
- कपड़ा, टेक्सटाइल्स- 5.5 अरब डॉलर
- क्रोशेट क्लोदिंग और एक्सेसरीज- 4.8 बिलियन डॉलर
- अनाज- 4.5 बिलियन डॉलर
- कपास- 2.7 बिलियन डॉलर
- तांबा- 842 मिलियन डॉलर
- चमड़ा- 659 मिलियन डॉलर
- चीनी- 549.1 मिलियन डॉलर
- नमक, सल्फर, पत्थर और सीमेंट- 537 मिलियन डॉलर
(सोर्स: पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय, 2024)
किन उत्पादों को पाकिस्तान ज्यादा बेचता है?
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा मेजपोश, तकिए और कुशन जैसे उत्पाद बेचे हैं। पाकिस्तान ने इसे बेचकर कुल 4.07 अरब डॉलर की कमाई की है। पाकिस्तान ने रिफाइंड पेट्रोलियम से 2.79 बिलियन डॉलर की कमाई की है। पाकिस्तान ने चावल बेचकर 2.47 बिलियन डॉलर की कमाई की है। बिना सिले हुए सूट के कपड़ों से पाकिस्तान ने 2.27 बिलियन डॉलर कमाए हैं, सिले हुए सूट से 1.56 बिलियन डॉलर की कमाई हुई है। इन उत्पादों को UAE, चीन, जर्मनी और अमेरिका सबसे ज्यादा खरीदते हैं।
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पाकिस्तान की कमाई कितनी है?
पाकिस्तानी, अपने देश में निर्मित उत्पादों और मौजूद खनिजों को बेचकर कुल 32.5 अरब डॉलर की कमाई करता है। पाकिस्तानी रुपया, अमेरिकी डॉलर की तुलना में साल 2023 से 2024 के बीच में 0.2 प्रतिशत की दर से मजबूत हुआ है।
पाकिस्तानी उत्पादों को खरीदने वाले देश कौन हैं?
पाकिस्तान के दो तिहाई उत्पाद 12 देशों में ही खप जाते हैं। अमेरिका पाकिस्तानी उत्पाद का 17 फीसदी हिस्सा खरीद लेता है। चीन में 7.3 फीसदी, यूके में 6.6 प्रतिशत और यूएई में 5.4 प्रतिशत उत्पाद खप जाते हैं। जर्मनी, नीदरलैंड, अफगानिस्तान, स्पेन, इटली, बांग्लादेश, सऊदी अरब और बेल्जियम जैसे देश भी पाकिस्तानी उत्पाद खरीद लेते हैं। पाकिस्तानी के 36 फीसदी उत्पादों को एशियाई देश खरीदते हैं, वहीं 34.8 फीसदी उत्पाद यूरोपीय देश। अफ्रीकी देशों में 7.4 प्रतिशत उत्पाद बिक जाते हैं और लैटिन अमेरिका में 1.6 फीसदी उत्पाद खप जाते हैं।
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पाकिस्तान के लोकप्रिय ब्रांड्स, जो दुनिया में खूब बिकते हैं
पाकिस्तान के खादी उत्पाद दुनियाभर में बिकते हैं। अमेरिका, UAE और कनाडा जैसे देशों में 'खादी' के कपड़े खूब बिकते हैं। गुल अहमद पाकिस्तान का सबसे चर्चित टेक्सटाइल ब्रान्ड है, जो लॉन, कॉटन और खद्दर के कपड़े बनाता है। पाकिस्तान का शॉन फू़ड प्रसिद्ध है। जुनैद जमशेद कपड़ों का ब्रान्ड है, जिसके आउटलेट यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय देशों में हैं।

पाकिस्तान में कोकोकोला की तर्ज पर एक ब्रॉन्ड पकोला है जो लोकप्रिय है। रूह आफजा का एक हिस्सा पाकिस्तान में भी है, अमीद अदनान, मारखोर, सना सफीनाज, निशात लिनेने, एल्करम, साल्ट एन पेपर जैसे ब्रान्ड भी पाकिस्तान के हमेशा चर्चा में रहते हैं।
पाकिस्तान खरीदता क्या है?
पाकिस्तान को अपनी जरूरतों के लिए तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खाने का तेल, स्टील, और मशीनरी जैसी चीजें सबसे ज्यादा बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। ये सामान उनकी ऊर्जा, उद्योग, और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जरूरी हैं।
आइए जानते हैं पाकिस्तान क्या-क्या खरीदता है, कितना खर्च करता है-
- खनिज ईंधन और तेल
कुल व्यय: लगभग 14 लाख करोड़ रुपये - इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण
कुल व्यय: 3 लाख करोड़ रुपये - वनस्पति घी, तेल, मोम
कुल व्यय: लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपये - लोहा और इस्पात
कुल व्यय: करीब 2.34 लाख करोड़ रुपये - मशीनरी और कंप्यूटर
कुल व्यय: 2.25 लाख करोड़ रुपये - जैविक रसायन
कुल व्यय: 2 लाख करोड़ रुपये - प्लास्टिक उत्पाद
कुल व्यय: लगभग 1.92 लाख करोड़ रुपये - ऑयल सीड
कुल व्यय: लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये - गाड़ियां
कुल व्यय: लगभग 1 लाख करोड़ रुपये - सब्जियां
कुल व्यय: लगभग 91,850 करोड़ रुपये
नोट: आंकड़े पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय और एशियाई देशों के आयात-निर्यात पर शोध करने वाली पत्रिका 'वर्ल्ड टॉप एक्सपोर्ट' से लिए गए हैं।

पाकिस्तान पर कर्ज कितना है?
2023-24 के आंकड़ों बताते हैं कि पाकिस्तान पर कुल कर्ज 244 अरब अमेरिकी डॉलर है। भारतीय रुपये में यह रकम करीब 20.37 लाख करोड़ के आसपास है। पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज 131.1 अरब अमेरिकी डॉलर है।
किसका कितना कर्जदार है पाकिस्तान?
- चीन: 39 अरब अमेरिकी डॉलर
- वर्ल्ड बैंक: 18 अरब अमेरिकी डॉलर
- एशियन डेवलेपमेंट बैंक: 15 अरब अमेरिकी डॉलर
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष: 7.6 अरब अमेरिकी डॉलर
भारत क्यों चाहता है पाकिस्तान को कर्ज न मिले?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत, पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया की आर्थिक संस्थाओं को एकजुट करने में जुटा है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान, दुनिया से मिल रही आर्थिक मदद का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने पर खर्च करता है। पाकिस्तान आतंकियों को पाल रहा है। भारत चाहता है कि पाकिस्तान की इंटरनेशनल फंडिंग रुके। विदेश मंत्री एस जयशंकर से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीमातरमण तक, वैश्विक संस्थाओं के प्रतिनिधियों पर दबाव बना रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाप ऐक्शन लिया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एशियन डेवलेपमेंट बैंक के चीफ मसाटो कांडा के साथ मुलकात की थी। उनसे भी भारत ने अपील की कि है कि पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद घटाई जा सके।