दुनियाभर में एक बार फिर शेयर बाजारों में तेजी आने लगी है। कई महीनों बाद ऐसी तेजी देखने को मिल रही है। भारतीय शेयर बाजार में भी कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स जहां लगभग 84,800 पॉइंट पर पहुंच गया है, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 26 हजार के करीब पहुंच चुका है।


सोमवार सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर सेंसेक्स 625.78 पॉइंट चढ़कर 84,837.66 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी 179.60 पॉइंट चढ़कर 25,974.55 पर कारोबार कर रहा है।


सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से 24 के शेयरों में बढ़त देखी जा रही है। सोमवार को भारती एयरटेल के शेयरों में 3.10%, रिलायंस में 2.10%, SBI में 1.53%, TMPV में 1.46% और HCL में 1.42% की बढ़त आ चुकी है। हालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक, अडानी पोर्ट्स, BEL और इन्फोसिस के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है।


इससे पहले शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। शुक्रवार को सेंसेक्स 344.52 पॉइंट गिरकर 84,211.88 और निफ्टी 96.25 पॉइंट गिरकर 25,795.15 पर बंद हुआ था।

 

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बाजार में क्यों आ रही है तेजी?

सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार भी हरे निशान के साथ बंद हुआ था। रही बात एशियाई मार्केट की तो साउथ कोरिया को कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का SSE कंपोजिट और हॉन्गकॉन्ग का हैंग सेंग बढ़ के साथ कारोबार कर रहे थे।


मगर बाजार में इतनी तेजी क्यों? इसके पीछे अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के कम होने को वजह माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होनी है। इस मुलाकात में ट्रेड डील पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि ट्रेड वॉर को खत्म करने पर चर्चा हो सकती है। इस बात के संकेत हैं कि इस मीटिंग में ट्रेड वॉर का मसला सुलझ सकता है। इसलिए बाजार में पॉजिटिव माहौल बना हुआ है।


जियोजित इन्वेस्टमेंट के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने PTI से कहा, 'दुनियाभर के बाजारों का रुख तेजी का है। डाउ जोन्स, निक्केई और कोस्पी के रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने से सकारात्मक धारणा बनी हुई है। ट्रेड वॉर कम होने के संकेत हैं।'


इसके अलावा, अमेरिकी बैंक के भी ब्याज दरों में भी कटौती करने और भारत पर अमेरिकी टैरिफ कम होने की संभावना भी है। 


मेहता लिमिटेड के सीनियर वीपी (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, 'अमेरिका में फेडरल बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अमेरिका और चीन के बीच भी ट्रेड डील होने की संभावना है। इसके अलावा, इस बात की भी उम्मीद है कि भारत पर अमेरिकी टैरफ 15-16% तक कम हो सकता है।' इन सब फैक्टर के कारण बाजार में तेजी आ रही है।

 

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सोना-चांदी की कीमत भी घट रही

इस महीने सोना और चांदी, दोनों ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। हालांकि, अब इनकी कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है।


सोमवार को भी 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 1,551 रुपये घटकर 1,21,900 रुपये पहुंच गई। वहीं, एक किलो चांदी भी 2,027 रुपये कम होकर 1,45,443 रुपये पर आ गई है। इससे पहले इस महीने गोल्ड 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,70,415 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी।


सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट की वजह अमेरिका-चीन में ट्रेड वॉर के कम या खत्म होने की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म केडिया एडवाइजरी के एमडी अजय केडिया ने ईटी नाउ को बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने से सोना और चांदी पर दबाव पड़ा है। गोल्ड ETF की बिकवाली हो रही है, जिस कारण कीमतों में गिरावट आ रही है। अमेरिका-चीन में समझौते की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है। सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 0.2% तक बढ़ी है। 


अजय केडिया ने बताया कि जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो निवेशक सोना-चांदी की बजय कच्चे तेल का रुख करते हैं। 


हालांकि, सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट की एक वजह मांग में कमी आना भी है। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से जुड़े प्रणव मेर ने PTI को बताया कि कीमतों में और गिरावट की आशंका के चलते खरीदारी कम हो गई है, इसलिए मांग कमजोर रही, जिस कारण कीमतें गिर रही हैं।