बड़े-बड़े कारोबारी घरानों में पारिवारिक विरासत को लेकर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। अब ऐसा ही एक नया विवाद सोना BLW प्रीसिजन फोर्जिंग्स यानी सोना कॉमस्टार के मालिकाना हक को लेकर खड़ा हो गया है। संजय कपूर अपने पीछे करीब 30 हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य छोड़कर गए हैं।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सोना कॉमस्टार के चेयरमैन और बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के पति संजय कपूर का निधन हो गया। संजय कपूर का निधन पिछले महीने हो गया था। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी प्रिया सचदेव को कंपनी का नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त कर दिया गया है। वहीं, संजय कपूर की मां रानी कपूर का दावा है कि कंपनी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर वह हैं और उनकी मंजूरी के बगैर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। जबकि, सोना कॉमस्टार का कहना है कि रानी कपूर के पास न तो कोई शेयर हैं और न ही कंपनी में उनकी कोई भूमिका है।
रानी कपूर ने दावा किया है कि उनकी पारिवारिक संपत्ति को हड़पने की कोशिश हो रही है। रानी कपूर ने कहा, 'मुझे अब तक नहीं पता कि मेरे बेटे के साथ क्या हुआ? मैं अब बू़ढ़ी हो चुकी हैं और जाने से पहले सब ठीक करना होगा।'
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यह पूरा विवाद क्या है? रानी कपूर का दावा क्या है? सोना कॉमस्टार का क्या है कहना? सब समझते हैं लेकिन उससे पहले जानते हैं इस पूरे विवाद के किरदारों के बारे में...
- संजय कपूरः 12 जून को लंदन में संजय कपूर का निधन हो गया। कहा जा रहा है कि संजय जब पोलो खेल रहे थे, तब उन्हें हार्ट अटैक आया था। संजय कपूर सोना कॉमस्टार के चेयरमैन थे।
- रानी कपूरः संजय कपूर की मां और सोना ग्रुप के फाउंडर सुरिंदर कपूर की पत्नी रानी कपूर हैं। उनका दावा है कि वह सोना कॉमस्टार की मेजोरिटी शेयरहोल्डर हैं। उनका आरोप है कि उनकी भावनात्मक स्थिति का फायदा उठाकर कुछ दस्तावेजों पर जबरन दस्तखत करवाए गए।
- सोना कॉमस्टारः यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है। साल 1995 में इसे शुरू किया गया था। जून 2021 में यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी। इसकी 28.02% हिस्सेदारी Aureus इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड (AIPL) के पास है। यह कंपनी RK फैमिली ट्रस्ट से जुड़ी है।
- प्रिया सचदेवः संजय कपूर की तीसरी पत्नी हैं। दोनों की शादी 2017 में शादी हुई थी। संजय कपूर के निधन के बाद 25 जुलाई को सोना कॉमस्टार की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में प्रिया सचदेव कपूर को कंपनी का नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।
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क्या है यह पूरा मामला?
12 जून को पोलो खेलते समय लंदन में संजय कपूर का निधन हो गया था। संजय कपूर सोना कॉमस्टार के चेयरमैन थे। उनके निधन के बाद 23 जून को कंपनी ने जेफरी मार्क ओवरली को नया चेयरमैन नियुक्त किया था।
25 जुलाई को कंपनी की AGM होनी थी। इस पर रानी कपूर ने आपत्ति जताई थी। 24 जुलाई को उन्होंने सोना कॉमस्टार के बोर्ड को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि 'संजय कपूर के अचानक निधन के कारण परिवार शोक में है तो दूसरी ओर कुछ लोगों ने परिवार की विरासत पर कब्जा करने और उसे हड़पने के लिए सही समय चुना है।'
उन्होंने AGM की टाइमिंग पर आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अपने बेटे के निधन के कारण शोक में थीं, तब धोखाधड़ी से कुछ दस्तावेजों पर उनसे दस्तखत करवाए गए। उन्होंने AGM को कम से कम दो हफ्तों के लिए टालने की अपील की। उन्होंने दावा किया कि अपने दिवंगत पति सुरिंदर कपूर की संपत्ति की एकमात्र लाभार्थी और सोना ग्रुप में मेजोरिटी शेयरहोल्डर होने के बाद भी उन्हें अहम वित्तीय दस्तावेजों और अकाउंट्स तक पहुंच नहीं दी गई।
अपने लेटर में रानी कपूर ने कहा, 'शेयरहोल्डर की AGM में कपूर परिवार के प्रतिनिधि के रूप में कंपनी में कुछ डायरेक्टर्स की नियुक्ति की जानी है लेकिन उनकी तरफ से किसी को भी अब तक अथॉराइज नहीं किया गया है।'
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सोना कॉमस्टार ने क्या किया?
रानी कपूर की आपत्ति के बावजूद 25 जुलाई को सोना कॉमस्टार की AGM हुई। इसमें कंपनी के बोर्ड ने संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया। उनकी यह नियुक्ति 23 जून 2025 से हुई है।
रानी कपूर के दावे और सोना कॉमस्टार की सफाई
- रानी कपूर का दावाः उन्होंने दावा किया था कि 30 जून 2015 की वसीयत के अनुसार वह अपने दिवंगत पति सुरिंदर कपूर की संपत्ति की एकमात्र हकदार हैं, इसलिए सोना ग्रुप की मेजोरिटी शेयरहोल्डर भी हैं।
- कंपनी का बयानः सोना कॉमस्टार ने एक बयान जारी कर कहा कि रिकॉर्ड के मुताबिक, रानी कपूर 2019 से कंपनी की शेयरहोल्डर नहीं हैं। जून 2021 से सोना कॉमस्टार पब्लिक लिमिटेड कंपनी है। इसके 71.98% शेयर पब्लिक हैं और 28.02% शेयर इसकी प्रमोटर कंपनी AIPL के पास हैं।
- रानी कपूर का दावाः उन्होंने दावा किया कि अपने बेटे की मौत के बाद जब वह भावनात्मक रूप से नाजुक स्थिति में थीं, तब उन्हें कई कागजों पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया गया। उनका दावा है कि इन कागजों में क्या था, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने प्रिया सचदेव की नियुक्ति पर सवाल उठाए।
- कंपनी की सफाईः दावों को खारिज करते हुए कंपनी ने कहा कि AIPL से नॉमिनेशन आने के बाद प्रिया सचदेव को नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। कंपनी ने बयान में कहा कि संजय कपूर के निधन के बाद रानी कपूर से न तो किसी दस्तावेज पर साइन करवाए गए और न ही उनकी तरफ से कोई दस्तावेज मिला।
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इस मामले में अब आगे क्या?
1995 में सुरिंदर कपूर ने सोना ग्रुप शुरू किया था। यह ऑटोमेटिव कंपनी है। यह इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़े ऑटो कंपोनेंट मैनुफैक्चर करती है और असेंबल करती है।
रानी कपूर ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, 'मैं अब बूढ़ी हो गई हूं और जाने से पहले सब कुछ ठीक करना होगा। मैं भले ही बूढ़ी और कमजोर हो सकती हूं लेकिन सोना कॉमस्टार के साथ मेरी यादें मजबूत हैं। मैं दुनिया को यह याद दिलाने आई हूं कि हमारी पारिवारिक विरासत को खोना नहीं चाहिए। इसे वैसे ही आगे बढ़ाया जाना चाहिए, जैसे मेरे पति हमेशा से चाहते थे।'
बहरहाल, अब यह विवाद कानूनी मोड़ ले सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि रानी कपूर अब अदालत जा सकती हैं और कंपनी की शेयरहोल्डर होने का दावा कर सकती हैं। इसे लेकर रानी कपूर हाई कोर्ट का रुख कर सकती है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है वह यह दावा कर सकती हैं कि वह अभी भी शेयरहोल्डर हैं और उन्हें AGM में वोटिंग से दूर रखा गया था।
