logo

ट्रेंडिंग:

Myntra के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस, क्या है 1654 करोड़ का मामला?

ईडी का आरोप है कि मिन्त्रा होलसेल कैश एंड कैरी ट्रेडिंग की आड़ में मल्टी-ब्रांड रिटेल बिजनेस कर रही थी जो कि FEMA  के नियमों का उल्लंघन है।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मिन्त्रा डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट (FEMA) के तहत 1654 करोड़ रुपये का मामला दर्ज किया है। ईडी का आरोप है कि कंपनी ने फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन किया है।

 

ईडी के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय के एक बयान के अनुसार, यह मामला विश्वसनीय जानकारी से पैदा हुआ है कि मिन्त्रा और उसकी संबद्ध कंपनियां 'होल सेल कैश एंड कैरी' ऑपरेशन की आड़ में मल्टी-ब्रांड रिटेल व्यापार (एमबीआरटी) कर रही थीं। इसकी अनुमति वर्तमान एफडीआई पॉलिसी के तहत नहीं है। एजेंसी का आरोप है कि इस स्ट्रक्चर का इस्तेमाल एफडीआई प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए किया गया, जिससे FEMA, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ।

 

यह भी पढ़ेंः 18 दिन में ही कैसे हट गया बैन? जेन स्ट्रीट के बाजार में लौटने की कहानी

निदेशकों के नाम भी शामिल

इस मामले में मिन्त्रा और उसकी संबंधित कंपनियों के निदेशकों के भी नाम हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी उसी के आधार पर तय किया जाएगा कि सजा निर्धारित की जाएगी और व्यक्तिगत जवाबदेही भी तय की जाएगी या नहीं।

 

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत में काम करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियां, खास तौर पर वे कंपनियां जिनमें भारी मात्रा में विदेशी निवेश है, उन पर रेग्युलेशन को काफी सख्त किया जा रहा है और उनकी लगातार स्क्रुटिनी हो रही है।

 

क्या है पूरा मामला

ईडी की जांच के मुताबिक मिन्त्रा डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड ने दिखाया कि वह 'होलसेल कैश एंड कैरी' बिजनेस करती है और इसी आधार पर 1654,35,08,981 रुपये की एफडीआई प्राप्त की, लेकिन उन्होंने ज्यादातर सामान को वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटिड को बेचा। इस कंपनी ने आगे सामान को रिटेल कस्टमर को बेचा, लेकिन वेक्टर ई-कॉमर्स और मिन्त्रा डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड एक ही ग्रुप की कंपनियां हैं।

 

यह भी पढ़ें-- ज्यादा कीमत पर 80% छूट वाला खेल होगा बंद! नियम बदलने वाली है सरकार

मल्टी-ब्रांड रिटेल बिजनेस का आरोप

ईडी की जांच में आगे पता चला कि मिन्त्रा डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड वास्तव में 'होलसेल कैश एंड कैरी' बिजनेस की आड़ में मल्टी-ब्रांड रिटेल बिजनेस कर रही थी। मिन्त्रा ने 'होलसेल कैश एंड कैरी ट्रेडिंग' की शर्तों को भी पूरा नहीं किया क्योंकि उसने शत-प्रतिशत सामान वेक्टर ई-कॉमर्स को बेचा जबकि नियमानुसार कोई कंपनी अपने ही ग्रुप की कंपनी को सिर्फ 25 प्रतिशत सामान ही बेच सकती है।

 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap