हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने CET-2025 ग्रुप C का रिजल्ट जारी कर दिया है। CET-2025 ग्रुप सी की लिखित परीक्षा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 26 और 27 जुलाई 2025 को आयोजित की थी। इस रिजल्ट का इंतजार प्रदेश के लाखों युवाओं को काफी लंबे समय से इंतजार था। इस रिजल्ट के बाद अब युवाओं के मन में कई सवाल पैदा हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग नॉर्मलाइजेशन को लेकर सवाल कर रहे हैं। आयोग ने पहले ही साफ कर दिया है कि रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन के बाद ही जारी किया गया है।
CET-2025 को चार शिफ्टों में आयोजित किया गया था। हर शिफ्ट के पेपर अलग-अलग थे। आयोग ने साफ कर दिया था कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला अपनाया जाएगा। आयोग ने हाई कोर्ट में बताया था कि अलग-अलग शिफ्टों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सभी उम्मीदवारों को समान मौका देने के लिए नॉर्मलाइजेशन अपनाया जाता है। इस प्रक्रिया से परीक्षा में कठिनाई स्तर के अंतर को खत्म किया जाता है।
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कैसे होता है नॉर्मलाइजेशन?
आयोग ने बताया था कि नॉर्मलाइजेशन के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया गया है। इस फॉर्मूले को एक कोड में बदला गया है और इस कोड के जरिए कंप्यूटर के जरिए अंतिम स्कोर निकाला जाएगा। सभी शिफ्टों के अभ्यर्थियों का रिजल्ट इस प्रक्रिया में डाला जाता है और कठिनाई के अनुसार, नंबरों में जोड़-घटा किया जाता है। CET का स्कोर (Ta – Tl) / (Th – Tl) × (Mx – Mn) + Mn फॉर्मूले के जरिए निकाला गया है।
Ta - उम्मीदवार के कुल नंबर (जो उसे परीक्षा में मिले हैं। )
Th - आपकी शिफ्ट का सबसे ज्यादा नंबर
Tl - आपकी शिफ्ट का सबसे कम नंबर
Mx- सभी शिफ्टों में सबसे ज़्यादा आए हुए नंबर
Mn- सभी शिफ्टों में सबसे कम आए हुए नंबर
रिजल्ट पर क्यों उठे सवाल?
हरियाणा में CET परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद अब नॉर्मलाइजेशन को लेकर बहस तेज हो गई है। करीब 12.46 लाख उम्मीदवारों में से लगभग 7 लाख पास हुए लेकिन स्कोरिंग और नॉर्मलाइजेशन की पारदर्शिता पर अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े किए हैं। अभ्यर्थी रिजल्ट से पहले ही नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस पर सवाल उठा रहे थे। अब जब रिजल्ट सबसे सामने है तो कई उम्मीदवारों को यकीन नहीं हो रहा कि उनके नंबर कम कैसे हो गए। युवा मांग कर रहे हैं कि नॉर्मलाइजेशन और स्कोरिंग प्रक्रिया पर सरकार और आयोग पारदर्शिता लाए ताकि सभी को रिजल्ट पर भरोसा हो सके।
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सोशल मीडिया पर पूछे सवाल
युवा अब सोशल मीडिया पर रिजल्ट को लेकर सवाल उठा रहे हैं। HSSC के चेयरमैन की सोशल मीडिया पोस्ट पर ही लोग सवाल करने लगे हैं। एक व्यक्ति ने लिखा, 'जो स्कोर कोर्ड जारी हुआ है, उसमें बगैर नॉर्मलाइजेशन के भी स्कोर जारी क्यों नहीं किए गए हैं?'

एक अभ्यर्थी ने लिखा, '26 जुलाई की शाम की शिफ्ट में पेपर दिया था लेकिन फिर भी 5 नंबर कम हो गए।' वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि उनके 5 नंबर बढ़ा दिए गए हैं। बल्लू बेनीवाल नाम के एक एक्स अकाउंट से लिखा गया कि पेपर के बाद आंसर की के अनुसार, 67 नंबर बन रहे थे लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद 49 नंबर का रिजल्ट आया। जानकारों का कहना है कि 26 जुलाई की मॉर्निंग और 27 जुलाई की शाम की शिफ्ट वाले अभ्यर्थियों को नॉर्मलाइजेशन का फायदा मिला है।
क्या कोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी?
एक तरफ कई अभ्यर्थी इस रिजल्ट से खुश नहीं हैं तो दूसरी तरफ कई एजुकेटर इस रिजल्ट को सही बता रहे हैं। उनका मानना है कि दो शिफ्ट में पेपर अन्य शिफ्टों की तुलना में ज्यादा कठिन था। रिजल्ट के बाद अब अभ्यर्थियों के पास कोर्ट जाने का विकल्प है। कुछ अभ्यर्थी CET में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ रिजल्ट आने से पहले ही कोर्ट में याचिका दायर कर चुके थे। इस याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में खारिज कर दिया था।
