ओखला दिल्ली की सबसे पुरानी बसाहटों में से एक है, जो यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। ओखला विधानसभा पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। ओखला में मदनपुर खादर गांव, खिजराबाद गांव, जसोला गांव, आली गांव और तैमूर नगर जैसे क्षेत्र पड़ते हैं।
ओखला सीट से बीजेपी कभी नहीं जीत पाई है। पिछले दो विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई है।
इस बार कौन-कौन मैदान में?
ओखला से इस बार भी आम आदमी पार्टी ने अमानतुल्लाह खान को ही टिकट दिया है। उनके सामने बीजेपी ने मनीष चौधरी और कांग्रेस ने आरिबा खान को उतारा है।
ओखला की समस्याएं क्या?
ओखला के निवासियों का दावा है कि यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है। पीने के पानी और खराब सड़कों की समस्याएं यहां आम हैं। बारिश के मौसम में यहां कई इलाकों में जलभराव की समस्या भी होती है, क्योंकि यहां का सीवरेज सिस्टम खराब है।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 में यहां से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान की जीत हुई थी। उन्हें 1,30,367 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीजेपी के ब्रह्म सिंह रहे थे, जिन्हें 58,540 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर 5,123 वोट हासिल कर कांग्रेस के परवेज हाशमी थे।
क्या है इस सीट का इतिहास?
2008 में परिसीमन के बाद ओखला सीट का नए सिरे से गठन किया गया था। परिसीमन के बाद 2008 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के परवेज हाशमी की जीत हुई थी। हालांकि, अगले साल ही परवेज हाशमी राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में आरजेडी के आसिफ मोहम्मद खान की जीत हुई। 2015 और 2020 के चुनाव में लगातार दो बार से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान जीत रहे हैं।
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क्या है जातिगत समीकरण?
ओखला सीट पर मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा 58 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। इसके बाद लगभग 14 फीसदी आबादी गुज्जरों की है।