आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली के चुनाव के नतीजे वैसे नहीं रहे, जैसे उसने सोचे थे। पिछले दो चुनाव से 60 से ज्यादा सीटें जीत रही आम आदमी पार्टी इस बार 22 सीटों पर सिमट गई। अरविंद केजरीवाल भी चुनाव हार गए। हालांकि, चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। ये मुश्किलें बीजेपी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक से शुरू हो जाएगी।

क्या होगा पहली कैबिनेट बैठक में?

दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट मीटिंग में भ्रष्टाचार की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया जाएगा। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी की 'जीरो टॉलरेंस' की नीति रही है और घोटालों में जो भी शामिल है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।


सचदेवा ने कहा, 'पहली ही कैबिनेट मीटिंग में CAG रिपोर्ट पेश की जाएगी। भ्रष्टाचार के सभी मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा।'

 

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प्रवेश वर्मा ने भी कही थी SIT की बात

सचदेवा से पहले नई दिल्ली सीट से चुनाव जीते बीजेपी विधायक प्रवेश वर्मा ने भी भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के सभी भ्रष्टाचारों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। प्रवेश वर्मा मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली सीट से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को हराया है।

 

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बीजेपी ने जीती हैं 48 सीटें

दिल्ली में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीती हैं। दिल्ली में बीजेपी का ये दूसरा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा। इससे पहले 1993 के चुनाव में बीजेपी ने 49 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी का वोट शेयर 2020 की तुलना में 7 फीसदी भी बढ़ गया। 


चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी का वोट शेयर 45.56% और आम आदमी पार्टी का 43.57% रहा। वोटों की बात की जाए तो बीजेपी को 43.23 लाख और आम आदमी पार्टी को 41.33 लाख वोट मिले। 2020 में बीजेपी का वोट शेयर 38.51% रहा था। आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 53.57% था।