बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पूर्णिया जिले में पड़ती है। शंकर सिंह यहां से निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा क्षेत्र में भवानीपुर और रुपौली सामुदायिक विकास खंड और बरहरा कोठी ब्लॉक की आठ ग्राम पंचायत आती हैं। विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण है। कोसी नदी हर साल रुपौली विधानसभा क्षेत्र में तबाही मचाती है। बाढ़ और पलायन यहां के सबसे अहम मुद्दे हैं। विधानसभा क्षेत्र में मुख्य तौर पर गेहूं, मक्का, धान और केले की खेती होती है। 

 

जिला मुख्यालय से विधानसभा क्षेत्र की दूरी लगभग 40 किमी है। 1951 से अब तक यहां कुल 18 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। बिहार की सियासत में रुपौली विधानसभा हमेशा ही चर्चा का केंद्र रही है।

 

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सीट का समीकरण

इस विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। ये दोनों समुदाय चुनाव का रुख बदलने की ताकत रखते हैं। 2020 में रुपौली में कुल मतदाताओं की संख्या 3,01,755 थी। इनमें लगभग 12.15 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 3.04 फीसदी है। 12.20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। रुपौली सीट को जदयू का गढ़ माना जाता है। मगर 2024 के उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्जकर बड़ी सेंधमारी दर्ज की।

2020 का चुनाव रिजल्ट

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की टिकट पर बीमा भारती ने 19,330 मतों से चुनाव जीता था। दूसरे स्थान पर लोजपा प्रत्याशी शंकर सिंह रहे। उन्हें कुल 44,994 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी विकास चंद्र मंडल थे। इन तीन के अलावा बाकी सभी 13 प्रत्याशियों को अपनी जमानत तक गंवानी पड़ी थी। पांच बार की विधायक बीमा भारती ने बाद में जदयू छोड़ राजद का दामन थामा और लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल को 8,246 मतों से हरा दिया। उधर, बीमा भारती को लोकसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा।

मौजूदा विधायक का परिचय

रुपौली विधानसभा सीट से मौजूदा निर्दलीय विधायक शंकर सिंह ने 2020 में लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन जीत नहीं मिली। फरवरी 2005 में पहली बार शंकर सिंह विधायक बने। मगर त्रिशंकु विधानसभा होने पर छह महीने में ही दोबारा चुनाव हुआ तो शंकर सिंह को बीमा भारती के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2005 से 2020 तक बीमा भारती रुपौली से लगातार विधायक रहीं।

 

2024 के उपचुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने शंकर सिंह को टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय लड़ने का एलान किया। जनता का भी साथ मिला और विधानसभा चुनाव जीतकर पटना पहुंचे। 2024 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक विधायक शंकर सिंह के पास कुल 2 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 63 लाख रुपये से अधिक की देनदारी है। अगर शिक्षा की बात करें तो 1988 में बनमनखी के सुमृत हाई स्कूल से 9वीं की परीक्षा पास की थी। उनके खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 9 मामले भी दर्ज हैं। 

विधानसभा सीट का इतिहास

रुपौली विधानसभा सीट पर सबसे पहली बार सोशलिस्ट पार्टी का विधायक बना था। छह बार यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। आखिरी बार 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव जीता था। रुपौली की जनता तीन बार निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा जता चुकी है। जेडीयू की टिकट पर तीन बार बीमा भारती चुनाव जीतीं। हालांकि वे कुल पांच बार यहां से विधायक रहीं। सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, एलजेपी और आरजेडी एक-एक बार जीत दर्ज कर चुकी है। 

 

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वर्ष   विजेता दल
1952 मोहित लाल पंडित   सोशलिस्ट पार्टी
1957 ब्रज बिहारी सिंह     कांग्रेस
1962 ब्रज बिहारी सिंह    कांग्रेस
1967     सीएन शर्मा   सीपीआई
1969   आनंदी प्रसाद सिंह कांग्रेस
1972 आनंदी प्रसाद सिंह   कांग्रेस
1977 शालीग्राम सिंह तोमर जनता पार्टी
1980   दिनेश कुमार सिंह   कांग्रेस (आई)
1985 दिनेश कुमार सिंह   कांग्रेस
1990    सरयुग मंडल निर्दलीय
1995 बालकिशोर मंडल     सीपीआई
2000 बीमा भारत   निर्दलीय
2005 (फरवरी) शंकर सिंह एलजेपी
2005 (अक्टूबर) बीमा भारती आरजेडी
2010 बीमा भारती जेडीयू
2015 बीमा भारती जेडीयू
2020 बीमा भारती जेडीयू
2024 शंकर सिंह निर्दलीय

 

नोट- आकंड़े भारत निर्वाचन आयोग