दिल्ली की कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी के सामने आम जनता पार्टी के उम्मीदवार राजन सिंह भी मैदान में हैं। राजन सिंह ट्रांसजेंडर हैं। राजन सिंह का मुकाबला सीएम आतिशी के साथ-साथ बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अल्का लांबा से भी होगा।
कौन हैं राजन सिंह?
राजन सिंह आम जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले राजन सिंह नेशनल ट्रांसजेंडर वेलफेयर काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं। राजन सिंह ने पिछले साल साउथ दिल्ली सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 325 वोट मिले थे।
राजन सिंह के पास 92 लाख का सोना
चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में राजन सिंह ने बताया है कि उनके पास 10 हजार रुपये कैश है। इसके अलावा 25 हजार रुपये उनके बैंक अकाउंट में जमा हैं। राजन के पास 1.3 किलो सोना है, जिसकी कीमत 92 लाख रुपये है।
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सीएम के खिलाफ ही क्यों?
राजन सिंह ने सीएम आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला क्यों लिया? इस बारे में उन्होंने बताया, 'आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 10-15 साल में हमारे लिए कुछ नहीं किया है। मैंने दिल्ली की सबसे शक्तिशाली महिला के खिलाफ अपना नामांकन दाखिल किया है, जिन्हें रबर स्टांप सीएम के रूप में जाना जाता है। ये लोकतंत्र की एक खूबसूरत तस्वीर है, जब एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है। हमारे लिए कोई स्कूल नहीं है, कोई अस्पताल नहीं है, कोई टॉयलेट नहीं है। आम आदमी पार्टी को इस बार ट्रांसजेंडर समुदाय को नजरअंदाज करने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।'
आतिशी के पास कितनी संपत्ति?
सीएम आतिशी ने 14 जनवरी को नामांकन दाखिल किया था। हलफनामे के मुताबिक, आतिशी के पास 30 हजार रुपये कैश हैं। उनके पास 10 ग्राम सोना भी है, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये है। बाकी की रकम बैंक अकाउंट में जमा हैं। इस बार उन्होंने हलफनामे में अपने पति की संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। 2020 के चुनाव में उन्होंने पति की संपत्ति का ब्योरा भी दिया था। पिछले चुनाव में आतिशी ने कुल 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। इसमें 81.42 लाख रुपये की संपत्ति उनके पति की थी।
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दिल्ली में 5 फरवरी वोटिंग
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रही है। 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं। दिल्ली के इतिहास में ये पहली बार था, जब किसी पार्टी ने इतनी सीटें जीती थीं। वहीं, 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस दो चुनाव से एक भी सीट नहीं जीत सकी है।